चुत की गर्मी से बर्फ पिघल गयी

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मनाली की ठंड में मेरी चुत की गर्मी से बर्फ पिघल गयी

काफी देर तक वो मेरी चुत चाटता रहा। और फिर मेरे चुत से गर्म लावा का धार फुट पड़ा। कल रात से जो चुत के अंदर गुबार बना हुआ था वह निकल गया। मैं नीचे से गांड़ उछाल उछाल के पानी निकलवाई और हर्षित सारा पानी पी गया। मैं शांत हों चुकी थी। फिर वो ऊपर आया और मुझे किस करने लगा।

कैसे हो दोस्तों। https://nightqueenstories.com के सभी प्यारे पाठकों को मेरा नमस्कार। दोस्तों मेरा नाम कंचन है। मैं अब 36 साल की हूँ और एक बड़ी कम्पनी में मैनेजर हूँ। मेरा ऑफिस नोयडा में है। और ये कहानी आफिस की ही है।

मेरा अभी कुछ दिन पहले प्रोमोशन हुआ था। मैं बहुत खुश थी। एक दिन हमारे बॉस मीटिंग बुलाए और बोले कि हम 2 दिन के लिए मनाली जा रहे हैं। एक छोटी सी ट्रिप होगी। तो जो चलना चाहते हैं वे आफिस से एक फॉर्म लेकर सबमिट करें दें। मैं तो घूमने की ऐसे भी शौकीन थी तो मैं। फॉर्म फील कर सबमिट कर दी। टूर 3 दिन बाद था। 2 बसें थी। और जाने वाले स्टाफ कम थे। तो हरेक बस में 14, 15 लोग सवार हो गए। शाम के 6 बजे निकलना था। प्लानिंग ये हुआ था कि हम रात में वहां आराम करेंगे और मॉर्निंग में घूमेंगे।

चुकी दिन में मैं काम की थी तो मुझे थोड़ी थकान लग रही थी तो मैबुस में जाकर बैठ गई। बस चलने में अभी 15 मिनट बाकी थे। लाहभग सभी लोग आ चुके थे। मेरे बस में 2 ही महिला थी। एक।मैं और एक और लड़की थी। जिसका अफेयर उसी के साथ बैठे लड़के से था। बस खुलने में 5 मिनट बाकी थे तभी एक लड़का आया वह अभी 5, 6 महीना पहले ही कम्पनी जॉइन किया था इस कारण उससे मेरा बहुत जान पहचान नही था। तो वह देखा कि मेरे बगल का सीट खाली है तो आकर पूछा तो मैं बोली हां बैठ सकते हो तो वह बैठ गया। वह एक महंगी परफ्यूम लगाया हुआ था। जिसकी स्मेल मुझे बहुत अच्छी लगी।

फिर वह हाथ आगे बढ़ाते हुए बोला मैं हर्षित हूँ। तो मैं भी उससे हाथ मिलाई और अपना नाम बताई तो वह बोला मैं आपको जानती हूँ। फिर हम बातें करने लगे। वह बहुत मजाकिया किस्म का लड़का था। तो हम जल्द ही कम्फर्टेबल हो गए।

थोड़ी देर बाद मुझे नींद आने लगी तो मैं सोने लगी।

हर्षित मेरे चुत के दाने को पैंटी के ऊपर से ही रगड़ने लगा

लेकिन जल्द ही मेरी नींद खुल गई। क्योंकि मुझे लगा मेरे पैरों पर कुछ रगड़ खा रहा है। मैं महसूस की की हर्षित अपना पैर मेरे पैरों पर रगड़ रहा है। अब हर्षित कभी मेरे हाथों को टच करता तो कभी मेरे कमर को सहला रहा था। चुकी बस में अंधेरा था तो किसी को कुछ दिखाई तो नही दे रहा था। लेकिन एक डर सता रहा था।

तभी हर्षित मेरे गालों पर किस करने लगा। वह रुक रुक कर ऐसा कर रहा था। फिर उसने मेरी जांघो पर हाथ रख दिया। तो मेने उसका हाथ झटक दिया। लेकिन वो इसी तरह बार बार करने लगा। मैं बार बार हटाती सुर वह फिर से मेरी जांघो पर हाथ रख देता और सहलाने लगता। एक बार मैं उसके हाथों में चिकोटी भी काट दी। लेकिन वह नही माना। अब वह धीरे धीरे मेरे जांघो को सहलाने लगा और दबाने लगा। और बीच बीच में जोर से दबा देता। सच बताऊं दोस्तों हर्षित की ये हरकतें तो मुझे भी अच्छा लग रहा था। लेकिन मैं डर रही थी और अपनी इमेज खराब करना नही चाहती थी।

फिर हर्षित अपना हाथ मेरी दोनों जांघो के बीच मे जीन्स के ऊपर से ले आया और सहलाने लगा। मैं तो डर गई। और उसका हाथ हटा दिया और इधर उधर देखी की कोई देख तो नही रहा। लेकिन कोई देख नही रहा था कुछ लोग सो रहे थे तो कुछ मोबाइल में व्यस्त थे। अब हर्षित बार बार मेरी चुत के पास हाथ ले आता और मैं हटाती। मुझे भी अच्छा लग रहा था लेकिन फिर भी मैं उसका हाथ हटा रही थी फिर मैं छोड़ दी और उसे जो करना था करने दी। वह जीन्स के ऊपर से ही मेरे चुत के पास सहलाने लगा। तो मैं पैरों को थोड़ा और चौड़ा कर दी । फिर उसने मेरी जीन्स की जीप खोल दी और वह अंदर हाथ डाल दिया और मेरी पैंटी के ऊपर से मेरी चुत को सहलाने लगा। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। और मेरी चुत गीली हो गयी और पैंटी भी भीग गई। वह जीप छोटी थी इस कारण उसका हाथ अंदर नही जा रहा था लेकिन वह उँगली से मेरी चुत के दाने को अच्छे जे रगड़ रहा था।

मैं भी अब पूरी मस्ती में आ गई थी। और वह जब जोर से मेरी चुत का दाना रगड़ता तो मेरी मुँहसे आहहहहहहहहहहहहहहहहह…. निकल जाती। लेकिन फिर थोड़ी ही देर में बस रुक गई तो मैं फट से उसका हाथ हटाई और जीप लगा ली। तभी बस की लाइट जल गई। दरअसल बस एक ढाबे पे रुकी थी। और सबको खाने के लिए बोला जा रहा था। हम जल्द ही खाना खाएं। क्योंकि उस ढाबे को पहले से खाने का आर्डर मिला हुआ था। वहां से हमारा होटल ज्यादा दूर नही था। तो हम खाना खाए और बस में आकर बैठ गए। फिर थोड़ी ही देर में हम होटल पहुँच गए।

चुकी पूरा होटल ही 2 दिन के लिए बुक किया गया था और स्टाफ भी ज्यादा नही थे इसलिए सबको होटल में आसानी से सिंगल या डबल करके कमरा मिल गया। चुकी मैं कम्पनी में बड़े पोस्ट पर थी तो मुझे अकेले के लिए रूम मिल गया।

दोस्तों दिन भर काम और फिर बस की जर्नी ने मुझे काफी थका दिया था सो मैं सोना चाहती थी। रात के करीब 1 बज गए थे। तो मैं रूम में गई और सो गई। सुबह करीब 7 बजे मेरी नींद खुली फिर मैं उठी और नहाने चली गई। तैयार हो के मैं नीचे आयी तो सब मेरा ही इंतजार कर रहे थे।

मैं पिछले 15 दिन से झांट नही साफ की थी बाथरूम में जाकर झांट साफ की और फिर चुत में उँगली कर पानी निकाल दी

फिर हम कैम्प करने चले गए। दिनभर इधर उधर घूमे। हर्षित पूरा दिन मुझे घूरता रहा। मुझे भी उसका देखना अच्छा लग रहा था। एक दो बार उसने मेरे से बात भी करना चाहा। लेकिन सभी की होने के वजह से ज्यादा कुछ नही हो पाया। 3 बजे के आस पास मैं अकेले बैठी थी तो वह आया और बोला अकेले क्यो बैठी। तो मैं बोली अकेले अच्छा लगता है। फिर वह बोला चलिए उधर थोड़ा टहलते हुए घूम लेते हैं। लेकिन मैं बोली कि मैं थक गई हूँ। तुम जाओ। तभी एक और स्टाफ वहां आ गई। तो वह चला गया। जल्द ही शाम होने वाला था और ठंड भी बढ़ने लगा था तो हम सब होटल आ गए।

मैं जब पार्ज से अंदर आ रही थी तो हर्षित वही खड़ा था। और नजदीक वहां कोई नही था। तो हर्षित बोला मैं रात को रूम में आऊंगा। लेकिन मैं उसकी बात को अनसुना करते हुए आगे बढ़ गई। रूम में आके मैं सारे कपड़े उतार दी और थोड़ी देर वैसे ही बिस्तर पर बैठी। मेरी चुत पर बाल थे। क्योंकि मैं पिछले 15 दिन से झांट को हटाया नही था। तो मैं बैग से रेजर निकाली और बाथरूम में चली। पहले तो मैं झांट साफ की फिर चुत में उँगली डाल के चुत का पानी निकाली फिर अच्छे से नहाई।

और आकर कपड़े पहने और थोड़ी देर बैठे ही थे को एक कुलीग का कॉल आया कि खाना खाने नीचे आ जाओ। तो मैं बोली कि म थक गई हूं यार। खाना यही भेज दो। अब कल मुलाकात होगी।

आधे घंटे बाद खाना आ गया तो मैं खाना खाई और खाकर लेट गई। रात के करीब 12 बजे मेरे व्हाट्सएप्प पर हर्षित का मैसेज आया कि मैम दरवाजा खोलो मैं दरवाजे पर हूँ। तो मैंने रिप्लाई किया कि मैं सो रही हूं। अभी तुम जाओ सुबह आना मैं थक गई हूँ और मुझे नींद आ रही है। लेकिन वह नही माना और बोला कि जल्दी दरवाजा खोला मुझे यहाँ खड़ा कोई देख लेगा। तो मैं दरवाजा खोल दी। https://nightqueenstories.com

और वापस अंदर आकर बेड पर लेट गई। वह खुद ही दरवाजा अंदर से लॉक किया और आकर बेड पर बैठ गया। उसने पहले तो पूछा कैसे हो, और दिन के बारे में पूछा। फिर वो बोला ठंड लग रही है। ब्लैंकेट में मुझे भी लेटने दो। मैं कुछ नही बोली तो वह झुका और मुझे किस करने लगा मैं हटाई और बोली कि क्या कर रहे हो। बात करना था तो बोलो क्या बात है और जाओ यहाँ से मुझे नींद आ रही है। तो उसने मेरी आँखों मे एकटक देखते हुए मुस्कुराया और फिर से मुझे किस करने लगा। चाहती तो मैं भी यही थी। और कल रात बस में वो जिस तरह मेरी चुत के दाने को रगड़ा था। उसने मुझे पूरा उत्तेजित कर रखा था। तो फिर मैंने भी उसे किस करने में मदद की हम लम्बा किस किए

मेरी दोनों पैरों को घुटनों से मोड़ कर फैला दिया और अपना मुँह चुत पर लगा दिया। उसकी होंठो और जुबां की स्पर्श पाकर मैं तो उछल गई

फिर वो मुझे खींचकर बिठा दिया और मेरी टॉप निकालने लगा मैं मना कर रही थी। अउ उसका हाथ हटा रही थी। फिर एक दो बार मना करने के बाद वो आखिर मेरा हाथ ऊपर कर टॉप निकाल ही दिया अब मैं ब्रा में थी फिर हमदोनो एकदूसरे को कीस करने लगे और वो कब मेरी ब्रा का हुक खोल दिया पता ही नही चला फिर ब्रा को एक तरफ फेंक दिया और मेरे चुचियों को बारी बारी चूसने लगा। फिर वो मुझे लेटा दिया और मेरी चुचियों को दबा दबाकर चूसने लगा मैं अब काफी गर्म हो गई थी मेरी चुत अब रिसने लगी थी।

अब उसके हौसले बढ़ चुके थे और उसने मेरी जीन्स की बटन खोल दी और नीचे खिंचने लगा लेकिन मैं पकड़ ली और बोली कि नहीं इससे ज्यादा नही अब तुम जाओ यहाँ से। लेकिन वो बिना कुछ बोले मेरी मेरी जीन्स के अंदर हाथ डाल दिया और पैंटी के ऊपर से मेरी चुत को सहलाने लगा मेरी पैंटी गीली हो चुकी थी। क्योंकी उसकी हरकतों से मेरी चुत भी चुदासी हो चुकी थी मैं सच मे अब चुदना चाहती थी। मैं मना करती रही लेकिन वह सिर्फ नाम का ही विरोध था। फिर वो नीचे गया और मेरी पैंटी सहित जीन्स को खींच दिया। मेरी जीन्स और पैंटी घुटनों से नीचे चले गए। लाइट ऑन थी तो मैं अपने हाथों से अपनी चुत को ढक ली। वो मेरी जीन्स और पैंटी को पैरों से निकाल दिया। और मेरे ऊपर आकर मुझे किस करने लगा। फिर वो मेरे पूरे शरीर को जीभ से चाटने लगा उसकी गई जीभ का स्पर्श मुझे बहुत अच्छा फील दे रहा था अब मैं उसके सर में उंगलिया फिराने लगी। फिर वो नीचे गया और मेरी दोनों पैरों को घुटनों से मोड़ कर फैला दिया और अपना मुँह चुत पर लगा दिया। उसकी होंठो और जुबां की स्पर्श पाकर मैं तो उछल गई। मैं तो पहले से पूरी गर्म हो चुकी थी। अब मेरी मुँह से सिसकारियां सिसीईईईजीईईईईई……. ससीईईईईईईईईईईईईकीईईई………. आह हहहहहहहहहहहहहहह ……हहहहहहह…… आह हहहहहहहहहहहहह….. सससीईईईईईईसससीईईईईईई….. आहहहहहहहहहहहहहहहहह….. ओहहहहहहहहहहहहहहहहह…. उममहःहहहहहहहहहहहहहहहह….सससीईईईईईईसससीईईईईईई… आआआहहहहहहह . । आआहहहहहहहहहहहहहह…….. … आहहहहहहहहहहहहहहह…… । ……ओहहहहहहह हहहहहहह…… आह हहहओह्हहहहहहहहहहहहहहहहह… निकलने लगी। काफी देर तक वो मेरी चुत चाटता रहा। और फिर मेरे चुत से गर्म लावा का धार फुट पड़ा। कल रात से जो चुत के अंदर गुबार बना हुआ था वह निकल गया। मैं नीचे से गांड़ उछाल उछाल के पानी निकलवाई और हर्षित सारा पानी पी गया। मैं शांत हों चुकी थी। फिर वो ऊपर आया और मुझे किस करने लगा।

चुत की आग ने मुझे हरा दिया और मैंने हर्षित से चुदवा ली

अब मैं फिर से गर्म होने लगी तो वो समझ गया और नीचे जाकर मुझे घोड़ी बनने को कहा मैं चुदाई के आग में इतनी जल रही थी कि मना नहीं कर पाई। और बैठकर आगे झुक गई। वह मेरे पीछे से अपना लंड मेरी चुत पर लगाया और मेरी कमर पकड़ के तेज झटका मारा उसका पूरा लंड मेरी चुत में चला गया। चुकी मैं अक्सर चुदती थी तो ज्यादा प्रॉब्लम नहीं हुआ। फिर वह चोदने लगा। अब उसकी रफ्तार के साथ मेरी भी गांड पीछे की तरफ जाने लगी। पूरा कमरा

आहहहहहहहहहहहहहहहहह…ओहहहहहहह हहहहहहह…… आह हहहहहहहहहहहहह….. राजजजाआआआ चोदो मेरी चुत।… आआआहहहहहहह चोदो जोर से.. हर्षित। चोदो मेरी चुत। चुत फाड़ दो आहहहहहहहहहहहहहहहहह…ओहहहहहहह हहहहहहह…… आह हहहहहहहहहहहहह….. मेरे राजा…राजअअअअअअअ।। चाटो मेरी चुत।… आआआहहहहहहह चोदो जोर से..। आहहहहहहहहहहहहहहहहह हर्षित मेरी चुत बहुत प्यासी है। चोदो जोर।से।…ओहहहहहहह हहहहहहह…… आह हहहहहहहहहहहहह….. हर्षित चोदो जान चोदो मेरी चुत।.. फाड़ दो मेरी प्यासी चुत। लन्ड की भूखी है मेरी चुत। और जोर से चाटो।… आआआहहहहहहह चाटो जोर से..। आहहहहहहहहहहहहहहहहह…ओहहहहहहह हहहहहहह…… आह हहहहहहहहहहहहह…..।… आआआहहहहहहह चोदो बेबी चोदो मेरी चुत चोदो जोर से..। आहहहहहहहहहहहहहहहहह.. तुम कितने अच्छे हो मेरे जानू…. चोदो राजा चोदो मेरी चुत। आहद हहहहहहहहह। ओहहहहहहह हहहहहहह…… आह हहहहहहहहहहहहह…..

से गूंजने लगा। मैं 2 बार झड़ चुकी थी मेरी चुत ने ढेर सारा पानी छोड़ दिया था।

फिर मैं बोली हर्षित अब मुझे लेटने दो। तुम अब मेरे ऊपर आके मुझे चोदो। मैं लेट गई और वह फिर से मेरे पैरों को फैलाया और लण्ड घुसा के चोदने लगा। अब मेरे मुँह से अचानक से निकलने लगा आहहहहहहहहहहहहहहहहह…ओहहहहहहह हहहहहहह…… आह हहहहहहहहहहहहह…..

चोदो हर्षित चोदो। जोर जोर से चोदो। हर्षित चोदो बहुत मजा आ रहा है। हार्ड फक बेबी, हार्ड फक। ओहहहहहहहहहहहहहहहहह…. और मैं फिर से झड़ने लगी तो मेरा गांड अपने आप ही उछलने लगा। और मैं फिर शांत हो गई। और फिर हर्षित भी कुछ धक्कों के बाद मेरी चुत में ही झड़ गया। उसकी गर्म वीर्य से मेरी चुत लबालब भर गई। और मैं तृप्त हो गई।

थोड़ी देर बाद हर्षित उठा और कपड़े पहनने लगा तो मैं बोली क्या हुआ। तो वह बोला जाना होगा। तो मैं उसके कपड़े पकड़ के दूसरे तरफ उछाल दी और बोली। अभी तो शुरू हुआ है अब रात भर हम चुदाई का खेल खेलेंगे। और उसे खिंचकर उसके होंठो को चूसने लगी। उस रात हर्षित मुझे 2 बार चुत चोदा और 1 बार गांड़ भी मारा। मुझे भी उससे गांड़ मरवाने में बहुत मजा आया।

दोस्तों मेरी कहानी कैसी लगी कॉमेंट करके जरूर बताना। और मसजेदार कहानियों के लिए https://nightqueenstories.com की अन्य कहानियों को पढ़ना।

मिलते हैं फिर अगली चुदाई की कहानी में। तब तक के लिए नमस्कार।।

 

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One thought on “चुत की गर्मी से बर्फ पिघल गयी

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