बालकनी में उतार दिए सारे कपड़े

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बाल्कनी में उतार दिए सारे कपड़े

हेलो दोस्तों! मेरा नाम रोज है। मैं अभी इंजिनीरिंग के तीसरे साल में हूँ। ये इसी हफ्ते की बात है जो मैं आपसे शेयर करना चाहती हूँ। मैंने मेरे होस्टल वाले एक लड़के के साथ सेक्स किया था। बड़ा ही मजेदार किस्सा है।

उस लड़के का नाम ओम है। दरसल मैं और ओम एक हि अपार्टमेंट मैं रहते है। दूसरी मंजिल पर हम पाँच लड़कियों का फ्लैट है और उसके ठीक ऊपर ओम और उसके दोस्तों का फ्लैट है। हम लड़कियों में से सबसे शांत स्वभाव की मैं थी और लड़कों में शायद ओम। हम दोनों ही अपने काम से काम रखते थे और कम बात करते थे। लेकिन बाकी सब की आपस में दोस्ती थी और कभी कभी वो सब साथ घूमने भी जाते थे।

होस्टेल के पहले दिन मैं और ओम मिले थे। थोड़ी बहुत जान पहचान हुयी थी। उसके बाद हम बस आते जाते एक दूसरे की ओर मुस्काते थे। होस्टेल की बाकी लड़कियाँ मुझे ओम के नाम से चिढाने लगी थी। उनका कहना था कि हम दोनों के स्वभाव एक जैसे है और हम दोनोंही बोरिंग है, तो हमारी जोड़ी खूब जमेगी। मुझे ऐसी बातों से कभी फर्क नही पड़ा। लेकिन ओम तो मुझे भी बोरिंग लगता था। दिखने में अच्छा था – लंबा, सांवला, नशीली आँखे मगर पता नही!

पिछले हफ्ते हमारे कॉलेज का एनुअल फेस्ट था तीन दिन का। पहला ट्रेडिशनल डे था। हम सब लड़कियों ने साड़ी पहनी हुयी थी। तब मैं अपनी कॉलेज वाले दोस्तों के साथ थी। मैंने अपनी सहेली अल्फिया को मेरी तस्वीर खींचने को बोला था। अल्फिया कैमरा लेकर आगे खड़ी थी उसके पिछेसे ओम चलता हुआ आया। उसका ऐल्फ़िया पर ध्यान ही नही था, उसे लगा मैं ऐसी ही खड़ी हूँ उधर।

वो मेरे तक आया और कहने लगा “हाइ! साड़ी मैं बहुत अच्छी लग रही हो।” मैं फ़ोटो के लिए पोज़ में खड़ी थी तो बस मुस्काई और अल्फिया ने उतने में फ़ोटो ले लिया। तब जाके ओम को समझ आया कि वहा मैं फ़ोटो खिंचवाने के लिए खड़ी थी। लेकिन जनाब फिर भी नही हिले। उल्टा अल्फिया को बोलने लगे “हम दोनों की फ़ोटो ले ना” और मेरी कमर पर हाथ रख कर खड़े हो गया। ओम का ये नया अवतार था। फ़ोटो हो जाने के बाद भी उसका हाथ मेरी नंगी कमर पर था। मुझे थोड़ा अजीब ही लग रहा था। कुछ देर बात करके वो चला गया। नजाने क्या बात थी, शायद साड़ी में देख के ये सीधा बंदा फिसल रहा था।

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अगले दिन भी कुछ ऐसा ही हुआ। मैंने उस दिन के थीम के लिए एक शार्ट ड्रेस पहनी हुयी थी। आज भी ओम कहिसे आया और फिर आके बातें करने लगा। आज वो बडा सेक्सी लग रहा था, ब्लैक ब्लेजर विथ टाई पहन कर आया था। उसने कहा “कैंटीन चले? चाय शाए पीते है” मैंने कहा ठीक है चलते है। हम कैंटीन में गए, चाय वगेरा पीकर थोड़ी बाते की। मैं अपनी दोस्तों के पास जाने के लिए उठी तो वो भी खड़ा हो गया। पास आकर मेरी कमर पर हाथ रखा और बोला “चल सेल्फी लेते है।” सेल्फ़ी के बाद उसने हाथ और नीचे सरकाया, मेरी गांड तक और कहने लगा “शाम को फ्री हो क्या? बाहर जाते कही।”

मैंने उसका हाथ पीछे से पकड़ के हटाया और उसे साफ बता दिया की मैं उसके साथ कही बाहर नही जाना चाहती। तो उसने आगे कुछ नही कहा बस मुह लटका के बैठ गया। मैं ‘बाय’ बोल कर चली गयी। मुझे वो अछा तो लगा था पर ज्यादा ही स्मार्ट बन रहा था। नजाने क्यूँ मैंने उसे मना कर दिया पर बुरा तो मुझे भी लग रहा था।

शाम को होस्टेल की सारी लड़कियां एकदम सेक्सी कपड़े पहन कर अपने अपने बोयफ़्रेंडस के साथ बाहर चली गयी। मेरी रूममेट ने जाते जाते कहा “आज तो रात भर मजे करने है, अब सुबह ही लौटेंगे। तू अकेली मजे कर लेना” और फिर वो आंख मार कर चली गयी। मुझे उसकी बात एकदम दिल पर लगी। आज सभी कपल्स हवस की पूजा करेंगे बस मैं ही अकेली बैठूंगी। एक ओम ने पूछा था मैंने उसे भी मना कर दिया था।

इस अकेलेपन ने मुझे हॉर्नी बना दिया था। पूरा फ्लैट खाली था तो मैंने अपना प्लान बना लिया। सारे दरवाजे खिड़कियाँ बंद कर ली और मस्त पॉर्न देखने लगी। उस दिन जो पोर्न फिल्म मैंने देखी उसमे दिखाया था कि लड़का बाल्कनी से घुस कर लड़कीं को मिलने आता है। ये मुझे बड़ा मजेदार लगा। मूवी देखते देखते मैं बडी एक्साइट हो गयी थी। पैंटी के अंदर हाथ डाल कर मैं अपनी चुत को सेहलाने लगी।

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कुछ ही मिनटों मैं चरम सुख मिला। एक बार दो बार लगातार अपनी चुत को घिस घिस कर गर्म करती रही। आज तो बस मेरी चुत शांत होने का नाम ही नही ले रही थी। तभी मेरे फ़ोन पर मैसेज आया, ओम का। उसने ट्रेडिशनल डे वाली फोटी भेजी थी और साथ लिखा था – “तुम्हारी दोस्त ने आज फ़ोटो भेजी। अछी है ना?” फ़ोटो मैं हम दोनों सचमें बहुत क्यूट लग रहे थे। फिर मेरा ध्यान ओम ने मेरी कमर पर रखे हुए हाथ पर गया और मेरे पूरे बदन पर रोंगटे खड़े हो गए। मैं फिरसे उत्तेजीत हो गयी थी।

उसका फिर मैसेज आया “कुछ बोलोगी नही? तुम मेरे साथ बाहर नही जाना चाहती थी इसलिए मैं अकेला हूँ आज रूम पर। तुम बाहर गयी हो क्या?” बस यही मेरे लिए काफी था। मैंने सोच लिया कि इससे अच्छा मौका तो नही मिलने वाला। बालकनी मैं जाकर मैंने चेक किया, पूरा रास्ता खाली था और सामनेवाला मैदान भी कहली था। फिर मैंने अपना सारे कपड़े उतार दिए और ऊपर से जैकेट पहन लिया जो लंबा था – मेरे कंधों से लेकर घुटनों तक। उसके बाद मैंने ओम को मेसैज किया “एक सरप्राइज है तुम्हारे लिए। तुम्हारी बालकनी मैं आ जाओ।”

वो उसकी बालकनी से नीचे झुका। मैंने उसे पूछा “तो…क्या प्लान है आज रात का?” उसने कहा “क्या अब, सोऊंगा।” मैंने कहा “और अगर मैं तुम्हे सोने ना दु तो?” वो कुछ समझा नही बस देखता रहा। मैंने अपना जैकेट का बेल्ट खोला और वही उतार भी दिया। वो बस बस चौंक कर देखता रहा। मैंने वो जैकेट ऊपर फैंका और उसने पकड़ लिया। मैंने कहा “हिम्मत है तो आ जाओ नीचे – मगर बालकनी से ही आना होगा” और मैं अंदर निकल गयी।

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इसमें कोई शक नही था कि वो ऐसा मौका हाथ से जाने दे। और वो बालकनी के खंबे से लटकता हुआ आ भी गया। और उसी ने बालकनी का दरवाजा बंद कर लिया। मैं आगे दीवार को टेक कर खड़ी थी। मुझे ऊपर से नीचे तक देखते हुए बोला “तुम तो किसी पेंटिंग की तरह दिख रही हो…” मैं बस मुस्का रही थी। तभी वो आकर मुझसे लिपट गया। और मुझे किस करने के लिए आगे बढ़ा। मैन उसे रोकते हुए कहा “बड़े बेशर्म हो तुम। ऐसे ही किसी के कमरे मैं घूस गए।” तो उसने कहा “हाँ हाँ! तुम्हे तो बड़ी शर्म आ रही थी जब सारे कपड़े उतार कर बाहर खड़ी थी”

हम दोनों ही हँसे और पागलों की तरह किस करने लगे। किस करते करते वो मेरी चुचियों को छूने लगा – दबाने लगा, दबोचने लगा! जैसे वो जानवर हो और मैं उसका शिकार। मैन उसके शर्ट के बटन खोले और उतार दिया। उसका सीना गर्म लग रहा था। फिर वो हाथ से नीचे मेरी चुत को छूने लगा। मेरी चुत गीली पा कर वो अलग ही मुस्काया और कहने लगा “पी जाऊ तुम्हे?” मैंने कुछ बोले बिना अपनी एक टांग उठाली।

वो नीचे बैठा और मेरी चुत को चाटने लगा। मेरी चुत तड़प उठी और मैं तो खुशी से पागल हो रही थी। अभी तो उसने शुरू किया था… मैं नही चाहती थी कि वो रुके।

उमहह…ओहहह…ओहहहहहहहहहहहह…

सससीईईईईईईसससीईईईईईई….. आहहहहहहहहहहहहहहहहह……

ओमी मेरी जान…

उममहहहहहहहहहहहहहहहहह….सससीईईईईईईसससीईईईईईई….. ओहहहहहहहहहहहहहहहहह…. उममहःहहहहहहहहहहहहहहहह… आहहहहहहहहहहहहहहहहह…ओहहहहहहह हहहहहहह…… आह हहहहहहहहहहहहह….. चाटो मेरी चुत।… आआआहहहहहहह और जोर से..जोर से ओह मेरे हीरो आआआहहहहहहह..

ओहहहहहहहहहहहहहहहहह…

सससीईईईईईईसससीईईईईईई….. आहहहहहहहहहहहहहहहहह……

वो एक हाथ ऊपर कर के मेरी चुत को दबाने लगा। मेरी निप्पल पूरी लाल हो गयी थी। फिर वो खड़ा हुआ और अपनी जीन्स उतार ने लगा। अब बैठने की बारी मेरी थी और मैं उसे खुश करने के लिए पूरी तरह तैयार थी। उसने उसकी अंडरपैंट से उसका लंड बाहर निकाला और मेरे हाथ मैं दिया। मैंने बिना संकोच किए उसका समूचा लंड अपने मुह में ले लिया। उसने अपनी आँखें बंद कर ली और हल्की आवाज मैं आहे भरने लगा…

“आहहह…आहहह..आहहहहहहहहहहहह….. ओहहहहहहहहहहहहहहहहह…. उममहहहहहहहहहहहहहहहहह….”

मैं चाहती थी कि वो मेरी चुत की प्यास जल्द से जल्द बुझाए, तभी मुझे चैन आएगा। मैं वही नीचे लेट गयी और बोली “बस अब और इन्तेजार मत करवाओ मुझे।” तो वो जरासा हँसा और फिर झुका। उसने मुझे उसकी बाहों मैं लिया और मेरी रुम की ओर चलने लगा। चलते चलते उसने गर्दन झुका कर मेरे निप्पल को दांत से दबाया…मेरा पूरा बदन तिलमिला उठा। उसने मुझे बेड पर लिटाया। मैं अपनी निप्पल को सेहलाने लगी। उसने अपनी अंडरपैंट उतार दी।

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उसने मेरी दोनों टांगे फैलायी और फिर वो किया जिसके लिए मैं तड़प रही थी। धीरे धीरे घुसा कर उसने अपना लंड मेरी चुत मैं डाला और फिर जो जोर जोर से मेरी ठुकाई की!! मेरी चुचियाँ भी जोर जोर से हिलने लगी थी झटके के कारण। मेरा पूरा शरीर काँपने लगा था और मेरी आवाजे भी निकलने लगी।

उमह…उमहह…उमहहहहहहहहहहहहहह….

सससीईईईईईईसससीईईईईईई…..

उमह…उमहह…उमहहहहहहहहहहहहहह….

ओहहहहहहहहहहहहहहहहह…. उमह…उमहह…उमहहहहहहहहहहहह… आहहहहहहहहहहहहहहहहह…ओहहहहहहह हहहहहहह…… आह हहहहहहहहहहहहह…..चोदो…. चोदो मेरी चुत रोहन… आआआहहहहहहह और जोर से..जोर से ओह… आआआहहहहहहह..

ओहहहहहहहहहहहहहहहहह… तबाही मचा दो आज मेरी चुत में…

सससीईईईईईईसससीईईईईईई….. आहहहहहहहहहहहहहहहहह……

ओहहहहहहहहहहहहहहहहह…. उमहह…आहहहहहहहहहहहहहह…

मेरी बातों से वो और जोश मैं आ रहा था और मैं भी अभी पूरी तरह संतुष्ट नही थी। तभी नीचे किसी के गाड़ी आने का आवाज आया। मेरी रूममेट वापिस आ गयी थी। मेरा पूरा रूम बिखरा पड़ा था। मैंने ओम को कहा “तुम्हे जाना होगा अब जल्दी!!!” उसने कहा “अरे! कुछ सोचते है ना।” वो जल्दी जल्दी हम दोनों के कपड़े मेरी बैग मैं भरने लगा। रूम अब ठीक ठाक लग रही थी। मुझे कुछ समझ नही आ रहा था। उसने मेरा हाथ पकड़ा और दरवाजे की ओर भागने लगा। हक दोनों ही बिल्कुल नंगे थे और मेरी दोस्त किसी भी वक्त ऊपर आ सकती थी।

हम दोनों सीढ़ी चढ़कर ऊपर उसके फ्लैट की ओर भागे। सेक्स कितनी अजीब चीज है, जो लोग बिना शर्माए बात तक नही कर सकते वो बड़ी बेशर्मी से बिना कपड़ों के ऊपर नीचे भाग रहे थे। ओम का फ्लैट भी बिल्कुल खाली था। ऊपर पहुंचे तब जाके हमारी सांस मैं सांस आयी। लेकिन हम दोनों ही पसीने से लतपत हो गए थे। ओम मुझे बाथरूम मैं लेकर गया। और हम शावर के नीचे हफ्ते हुए खड़े हो गए। थोड़ा शांत होने पर मैन उसे कहा “नहलाने के लिए लाए हो मुझे ऊपर?” वो मुस्काया और हमारा रोमांस फिरसे शुरू हो गया।

उसने वही बाथरूम मैं मेरी चुदाई की। कुछ देर बाद हम दोनों साथ ही झड़ गए। मैंने कहा “तुम्हारे दोस्त आ गए तो अब टेरेस पर भागना पड़ेगा” आज की रात बड़ी यादगार रहेगी। हम दोनों ने अपने कपड़े पहन लिए। एक बार फिरसे हम दोनों ने किस किया। मैंने अपनी बैग ओम के पास ही छोड़ी और नीचे चली आयी। मेरी रूममेट ने दरवाजा खोला और बोलने लगी “रोज डार्लिंग! कहा गयी थी…दरवाजा भी खुला छोड़ा था।” मैंने कहा “अरे अभी टेरेस पर टहलने को गयी थी। नींद नही आ रही थी लिसलिए।” फिर हम अंदर जाने लगे।

वो फिर से पलटी और बोली “तू इतनी रात को न्हाई क्या?” मैं अपने गीले बालों के बारे मैं भूल ही गयी थी। मैंने बस सिर हिला कर हाँ बिल दिया। फिर हमने थोड़ी बातें की और हम दोनों जा कर सो गए। तो एक थी दोस्तों मेरी कहानी। अगर ये कहानी पढ़ कर आपको मजा आया तो लाइक और कमेंट जरूर करे।

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मेरी अगली कहानी का शीर्षक है “जिस्मों का खेल”

धन्यवाद।

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