सीलबंद गर्म चुत
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एक पाकिस्तानी सीलबंद गर्म चुत में तगड़ा हिंदुस्तानी लंड: एक हिंदुस्तानी लंड ने पाकिस्तानी रसीली चुत का सील तोड़ा
दोस्तों मेरा नाम जरीना वहाब है। मैं POK मतलब पाकिस्तान ऑक्युपाइड कश्मीर में रहती हूँ। और यह मेरा दुर्भाग्य है कि मुझे किसी के सामने ये कहना पड़ता है की मैं पाकिस्तान में रहती हूँ। जबकी सच ये है कि हम सभी कश्मीरी प्योर हिंदुस्तानी है हमारी रगों में हिंदुस्तान के नाम का खून बहता है और दिल मे तिरंगा शान से लहराता है। और मेरा बस चले तो मैं पूरे पाकिस्तान में आग लगा दूँ। और कश्मीर को हिंदुस्तान में मिला दूँ।
और इसीलिए मैं कसम खाई हूँ कि भले मैं आजीवन चुत में उँगली करती रहूँगी लेकिन कभी किसी पाकिस्तानी खच्चर को अपनी चुत नही दूँगी।
दोस्तों मैं एक वेल एजुकेटेड लड़की हूँ और पॉलिटिकल साइंस में पीएचडी हूँ और कॉलेज में भी मेरे आगे पीछे पाकिस्तानी खच्चरों की भीड़ रहती थी सब मुझे चोदना चाहते थे लेकिन मैं किसी को अपनी तलवे भी नही चाटने दी। अब मैं एक कॉलेज में प्रोफेसर हूँ। लेकिन मेरे दिल मे हमेशा तिरंगा रहेगा। और जब तक हम कश्मीर को पाकिस्तान से आजाद कराकर हिंदुस्तान में नही मिला देते तब तक चैंन नही लेंगे।
खैर मेरे कसम का ही नतीजा है कि आज मैं एक हिंदुस्तानी लन्ड की दीवानी हूँ और जो मुझे पूरी तरह संतुष्ट करता है। वो अलग बात है कि मेरी चुदाई साल 6 महीने में हो पाती है लेकिन जब होती है तो वह मेरी चुत सूजा देता है और मैं भी उसके लन्ड को बड़े प्यार से निगल लेती हूँ।
दोस्तों मेरे चुत के आग बुझाने वाले उस मर्द का नाम संजीव है और वो दिल्ली में रहते हैं। और बहुत अच्छे हैं। मैं उनके लिए अपनी गर्दन भी कटवा सकती हूँ। वो कभी पाकिस्तान नही आये हैं क्योंकि मैं खुद उन्हें पाकिस्तान नही आने देती क्योंकि यहाँ उनके जान को खतरा हो सकता है। साले पाकिस्तानी खच्चर आतंकी हिंदुओं का खून सूंघते रहते हैं। और इसी डर से मैं उन्हें पाकिस्तान नही आने देती। बल्कि मैं खुद इंडिया जाती हूँ और अपने राजा के लन्ड का बिस्तर बन जाती हूँ। वह कई बार बोले कि मैं पाकिस्तान आना चाहता हूँ लेकिन मैं हर बार मना कर देती हूँ। कभी कभी हम दुबई या अन्य देशों में घूमने जाते हैं और साथ समय बिताते हैं।
आज मैं आपको अपनी चुत की पहली चुदाई के बारे में बताऊंगी। की कैसे मैं संजीव से पहली बार अपनी चुत चुदवाई।
संजीव से हमारी दोस्ती fb के जरिए हुई थी। मेरे fb प्रोफाइल पर साफ तौर पर POK लिखा हुआ है। और तिरंगा लगा हुआ है। एक दिन मेरे प्रोफाइल पर एक रिकवेस्ट आया मैं देखी तो वह संजीव नाम से था और दिल्ली से था। तो मैं एकसेप्ट कर ली। और हमारी बातचीत शुरू हुई। हम करीब 15 दीन तक चैट पर बात करते रहे। दरअसल मैं नम्बर एक्सचेंज करने से पहले उनको समझना चाहती थी। तो 15 दिन बात करने के बाद मैं उनसे नम्बर मांगी और अपना नम्बर भी उनको दी। और व्हाट्सअप पर हमारी चैट शुरू हुई। और फाइनली मैं व्हाट्सप पर ही एक दिन उनको वॉइस कॉल की। उनकी आवाज में एक गंभीरता और कड़कपन था। उनकी आवाज सच मे एक मर्द वाला था।
फिर हमारी बात होने लगी कुछ दिन हम ऐसे ही बात करते रहे वो मुझे वीडियो कॉल पर आने कहते लेकिन मैं थोड़ा इंतजार करना चाहती थी। लेकिन कुछ दिन बाद मैं खुद ही उनको बोली कि आज रात में मैं विडीओकॉल करूँगी। तो वो बोले मैं इंतजार करूँगा। रात करीब 12 बजे मैं उनको कॉल की और पहली बार हम फेस टू फेस थे। वो बहुत हैंडसम थे। मैं तो उन्हें देखते ही उनकी पर्सनालिटी की दीवानी हो गई। उनको भी मैं बहुत अच्छी लगी। उन्होंने बोला कि मैं आज से पहले ऐसी खूबसूरत लड़की नही देखा था। दोस्तों जैसा कि आप सब जानते ही हैं कश्मीरियों को खूबसूरती तो भगवान से तोहफे में मिला हुआ है। काजू बादाम अखरोट खुमानी यही सब हमारे खूबसूरती का राज है।
वह तो मेरी तारीफ करते नही थक रहे थे। संजीव के ऊपरी होंठ के दाई तरफ एक तिल है और उस तिल की वजह से वो और भी खूबसूरत लग रहे थे। वैसे तो हमदोंनो एक दूसरे के बारे में सबकुछ जान चुके थे। लेकिन फिर भी जब आमने सामने हुए तो मैं एक बार फिर से उनसे उनके घरवालों के बारे में पूछा। संजीव बहुत सज्जन इंसान थे। उन्होंने बताया कि उनका इंडिया दुबई और मलेशिया में कई 5 स्टार होटल है। वो एक बड़े बिजनेस मैन हैं। तो वह पाकिस्तान आने और मुझसे मिलने की इच्छा जाहिर किये लेकिन मैं उनको बताई की यहां आप सेफ नही होंगे। यहां हिंदुस्तानीयों और हिन्दुओं से बहुत नफरत किया जाता है। अगर किसी कट्टर खच्चर पाकिस्तानी को पता चल गया तो वह आपको नुकसान पहुँचा सकता है।
मैं उनसे वादा की की मैं खुद आपसे मिलने इंडिया आऊंगी और जल्दी ही आऊंगी। तो वह मान गए और बोले की मैं बेसब्री से इंतजार कर रहा हूँ तुम जल्दी से इंडिया आ जाओ। और फिर मैं दूसरे दिन ही इंडिया के लिए वीजा का अप्लाई कर दिया। लेकिन पहली बार मेरा वीजा रिजेक्ट कर दिया गया। तो मैं अपने एक सहेली के पिताजी के जरिए वीजा क्लियर करवाई। और फाइनली 2 महीने बाद मेरा इंडिया जाने का प्रोग्राम बन गया। मैं बहुत खुश थी और संजीव से मिलने के लिए उतावली हो रही थी। और मैं इंडिया के लिए बस में सवार हो गई। मेरा दिल जोरो से धड़क रहा था। चुकी मैं संजीव को पहले ही बता दी थी तो संजीव मुझे रिसीव करने बॉर्डर पर आए थे। और पंजाब से हमारा टिकट दिल्ली तक का वो पहले से करवा रखे थे। फाइनली मैं हिंदुस्तान अपने वतन के सरजमीं पर पैर रखी और जैसे ही मैं बस से उतरी इधर उधर नजरें दौड़ाई। तो मुझे एक कार्ड पर मेरा नाम लिखा नजर आ गया। और मैं संजीव को पहचान गई। मैं उस ओर बढ़ी ही थी कि संजीव की नजर मुझपर पड़ गई। और वह दौड़ते हुए मेरे पास आए और एक पल मेरी आँखों मे देखे और मुझे गले से लगा लिया। मैं भी कस के उन्हें अपने बाँहो में कस ली।
फाइनली मेरे प्यार से मेरा मिलन हो ही गया। मेरी आँखों से खुशी के आंसू धारा की तरह बहने लगा। यह देख संजीव भी इमोशनल हो गए और उनके आंखों में भी आंसू आ गए। उनका आंसू देख मेरे आंखों से और ज्यादा आंसू बहने लगे। मैं लाख कोशिस के बाद अपनी आंसू नही रोक पा रही थी। फिर संजीव मेरे आंसुओ को पोछे और एक बार फिर कस के गले से लगा लिए। मैं भी उन्हें पूरा जोर से पकड़ ली। हम 10 मिनट तक एक दूसरे के बाहों में खोए रहे। फिर वह मुझसे पूछे कैसी हो जरीना। उनकी मुँह से अपना नाम सुनकर मुझे ऐसी खुशी मिली मानो पूरा संसार की खुशियां मेरी कदमो में आ गई हो। मैं उनकी आंखों को चूम ली। और बोली मैं बिल्कुल ठीक हूँ। और मैं उनसे पूछी मेरी धड़कन कैसे हैं। तो वह बोले तुम्हारे प्यार ने मुझे बिल्कुल ठीक रखा है।
फिर वह मेरा हाथ पकड़े और एक टैक्सी उन्होंने पहले ही हायर कर रखे थे। सो ड्राइवर ने दरवाजा खोला तो संजीव मुझे बैठाए और टैक्सी का दरवाजा खुद वो बन्द किए। और दूसरे साइड से आकर बैठे। फिर हम एक रेस्टूरेंट में गए। वहां हम कुछ खाए फिर दूसरी टैक्सी से एयरपोर्ट चले गए। मैं जिंदगी में पहली बार किसी मर्द का हाथ पकड़ी थी और बाहों में बाहें डाली थी। मैं टैक्सी में उनसे बिल्कुल चिपक कर बैठी थी। और उनको पकड़ी हुई थी। और फिर हम लोकल फ्लाइट से दिल्ली आ गए। एयरपोर्ट पर ही संजीव की गाड़ी थी। सो हम गाड़ी में बैठे और उनके घर पर आए। दोस्तों संजीव के घर किसी राजा महाराजा की तरह एक किला था। चारो तरफ सिक्योरिटी गार्ड घर के अंदर ही एक हेलीपैड था जिसपर एक चॉपर खड़ी थी। मानो मैं स्वर्ग में थी। मैं सपने में भी नही सोची थी कि मैं ऐसे आलीशान घर मे कभी पैर भी रखूंगी। हम घर मे गए। घर बाहर से जितना खूबसूरत और आलीशान था। अंदर से उससे हजार गुना ज्यादा खूबसूरत था। बस पिंक ही पिंक था सबकुछ। ऐसा घर पाकिस्तान में किसी के पास नही होगा। मैं तो अपने जीवन मे किसी भी पाकिस्तानी खच्चरों के पास ऐसा घर ना देखी थी।
बस की जर्नी के कारण मैं बुरी तरह थक चुकी थी। और संजीव भी इस बात को जानते थे। सो उन्होंने कहा कि जरीना आप पहले गर्म पानी का शॉवर ले लीजिए आपको फ्रेश फील होगा और थकान कम होगी। मैं भी नहाना चाहती थी। सो मैं बाथरूम में नहाने चली गई। और जब नहाकर आई तो संजीव टेबल पर नाश्ता लगवा चुके थे। टेबल पर ढ़ेरों आइटम रखे हुए थे। और सबकुछ वेज थे। क्योंकि संजीव पहले से जानते थे की मैं वेजिटेरिअन हूँ।
हां दोस्तों मैं भले एक मुस्लिम परिवार से हूँ लेकिन मैं खुद को मन से हिन्दू मानती हूँ और मैं अल्लाह का नही बल्कि भोलेनाथ की पूजा करती हूँ। और मेरे दिल मे भगवान राम बसते हैं। मैं अंदर से हिन्दू हूँ। और इसीलिए मैं मांस भक्षण नही करती।
वैसे मैं एक बात बताना भूल ही गई। जब मैं नहाने जा रही थी तो उससे पहले संजीव मुझे एक कमरे में ले गए। और मैं सरप्राइज हो गई। उस रूम के चारो तरफ कवर्ड थे और एक एक कर सारे कवर्ड उन्होंने खोल दिया सारे कवर्ड में एक से एक ब्रांडेड कपड़े थे। जो सभी मेरे साइज के थे। यहां तक कि जूत्ते सैंडिल और घड़ियां तक मैच करते हुए थे। लाखों की वो सारे समान थे। और संजीव ने कहा कि ये सब आपके हैं। हमारी बात होती थी तो मैं उनको अपना नाप साइज बताई थी। और उन्होंने उसी साइज के सारे कपड़े जूत्ते सैंडल ले रखे थे। और मैं नहाने के बाद उसी कपड़े में से उनके पसन्द के कलर का एक गाउन पहनी थी। यह गाउन पिंक कलर की थी। और बिल्कुल फिट थी। गाउन के अंदर वाला हिस्सा शरीर मे चिपका हुआ था मानो शरीर के नाप के बनाया गया हो। इसमें मेरी चुचियाँ साफ दिख रही थी कि कितनी बड़ी है। मेरी पतली कमर में चिपकी हुई थी और मेरे कूल्हों के साइज मेरे गांड़ बिल्कुल आकार में दिख रहे थे। लेकिन मैं उसके ऊपर वाला भी पहनी जो थोड़ा लूज था। उसमें मेरी गुलाबी बदन चमक रही थी।
तो मैं जैसे ही चमच उठाई संजीव मेरा हाथ पकड़ लिए और चमच भी अलग रख दिए और अपने हाथों से मुझे खिलाए। ये प्यार देखकर फिर से मेरे आंखों से आंसू छलक पड़े और मैं उठकर उनको गले से लगा ली। और फिर उनकी गोद में ही बैठ गई। वो मुझे अपने हाथों से खिला रहे थे। फिर मैंने भी उनकी गोद मे बैठे बैठे उनको अपने हाथों से खिलाया। यह पल अभिभूत करने वाला था। मैं बहुत खुश थी। अंत मे वो मेरे पसन्द के आइसक्रीम मुझे खिलाए। दोस्तों यह प्यार ही था जो मैं सबकुछ संजीव पर लुटाने को तैयार थी। और उनके प्यार के बदले में मैं उनकी गोद मे बैठे बैठे उनके होंठो पर अपना होंठ रख दी।
जीवन मे पहली बार था मेरा जब मेरे होंठ किसी के होठ से टकराए थे। अब मैं उनके होंठो को चूसना शुरू कर दी। उन्होंने भी मेरे होंठो को किस करना शुरू कर दिया हमदोंनो एक दूसरे के होंठो को तगड़ा किस कर रहे थे। हम 10 मिनट से ज्यादा एक दूसरे को किस करते रहे। और फिर मैं उनके सीने से लिपट गई। उनका प्यार मुझे आत्ममुग्ध कर दिया था। वह जल्दबाजी नही करना चाहते थे सो उन्होंने फिर से मुझे किस करना शुरू कर दिया। और फिर से हम 5,7 मिनट किस करते रहे। मैंने देखा कि संजीव हिचक रहे हैं तो मैं अपना फर्ज समझी और उनकी कम्फर्टेबल फील कराना चाहा। और फिर उनका हाथ पकड़ कर अपनी बड़ी सी कठोर चूची पर रख दी। शायद संजीव इसी बात का इंतजार कर रहे थे। और वो मेरी चुचियों को मसलने लगे। और मैं कस के उनके सर को अपनी चुचियों पर दबा दिया।
और फिर संजीव भी अब खुल गए। और डिप नेक गाउन में से मेरी एक चूची को बाहर खिंच लिए और उसे अपने मुँह में ले लिए। मेरा निप्पल जैसे ही उनके गीले जुबां के टच में आया मेरे जिस्म में हजार वाल्ट का करंट दौड़ गया।………
दोस्तों आगे क्या हुआ और कैसे मैं अपनी जीवन की सबसे हसीन पल को जी और कैसे मैं 27 साल से बचा के रखी अपनी चुत के सील अपनी कौमार्य को संजीव के लन्ड से तुड़वाई। ये जानने के लिए आपको कमेंट करना होगा और ज्यादा से ज्यादा रिकवेस्ट करना होगा। हरेक व्यूअर और रीडर को कम से कम 10 रिकवेस्ट कमेंट में करना होगा। तभी मैं आगे की पूरी घटनाक्रम बताऊंगी। और फिर ये भी बताऊंगी की बाद में मेरा संजीव का क्या हुआ। हम एक दूसरे के जीवन साथी बने या बिछड़ गए। हमारा भविष्य का क्या हुआ ये सबकुछ जानने के लिए आपको कम से कम हरेक को 10 कमेंट करना होगा। और कम से कम 1 हजार लोगों के रिकवेस्ट आने के बाद ही मैं आगे का घटनाक्रम बताऊंगी। तो दोस्तों मिलते हैं आगे के घटनाक्रम में।
आपकी दिल की धड़कन आपकी अपनी जरीना वहाब…….. जय हिंद……..
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मेरी अगली कहानी का शीर्षक है “मसाज चुदाई”
तो आप सब अपना ख्याल रखिएगा। कोविड का सिचुएशन है तो अपना विशेष ख्याल रखिएगा। नमस्कार।