वासना और चुदाई का खेल

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बाप बेटी की वासना और चुदाई का खेल

फिर वह मुझसे पूछी की कभी तू मुठ मारी है तो मैं बोली कि पागल हो गई है क्या तू। मेरे पास कौन सा लन्ड है कि मुठ मारूंगी तो वह बोली यार वैसा नही लडकिया भी तो मुठ मारती है। तो मैं बोली लडकिया कैसे मुठ मारती है। तो वह बताई की चुत को सहलाते हैं रगड़ते हैं और चुत में उँगली डाल के हिलाते हैं। तो मैं बोली क्या तू ऐसा करती है क्या। तो वह बोली कि हां यार मम्मी पापा को चुदाई करते देखकर मेरी चुत में कीड़े काटने लगते हैं और मैं पोर्न भी देखती हूँ तब भी मुठ मारती हूँ। मैं तो रोज एक दो बार मुठ मारती हूँ। फिर वह बोली तू भी मार के देखना बहुत मजा आता है। उसकी बातें सुनकर मैं आज पागल हो चुकी थी। मेरी तो चुत इतना पानी छोड़ा था कि मन कर रहा था पैंटी अभी निकालकर फेंक दूँ पूरा गीला हो गया था मेरी पैंटी। फिर मैं टॉयलेट गई और पैंटी निकालकर देखी मेरी पैंटी बहुत गीली हो चुकी थी। मैं सूंघी तो मेरी चुत के पानी से बहुत अच्छी स्मेल आ रही थी। फिर मैं पैंटी वापस पहनी और बाहर आ गई। मेरे दिमाग मे मेरी दोस्त सुनैना की ही बातें घूम रही थी। फिर छुट्टी हुआ और मैं स्कूल से घर आ गई।

यह पिछले भाग का थोड़ा सा अंश है। आप उसे जरूर पढ़ें। शीर्षक का नाम है बाप बेटी की वासना

दोस्तों मेरा नाम कविता है। मैं 15 साल की हूँ। और मेरी फिगर 28 की चुचियाँ, 26 की कमर और 32 की गांड़ है। मेरी हाइट 5,4 है। मैं झारखंड के जमशेदपुर में रहती हूँ। मैं 10th स्टैंडर्ड में हूँ। मेरे डैड स्टील प्लांट में अधिकारी हैं। मेरे और पापा के बीच एक दोस्त वाला रिश्ता है। हम बाप बेटी की तरह कभी नही रहे। बल्कि एक दोस्त की तरह रहे हर बात कहना सुनना। मेरे पापा ही तो मेरे सबकुछ थे। और मैं पापा की भी सबकुछ थी। मेरे पापा बचपन से ही मुझे नहलाना धुलाना सर में तेल लगाना कंघी करना। स्कूल के लिए तैयार करना सब पापा ही करते थे। मैं अभी भी पापा के लिए 1 साल की बच्ची ही थी वह सबकुछ मेरा करते थे। बहुत ध्यान रखते थे। मेरे कपड़े तक साफ करते थे। मेरे पीरियड की पैड तक वही लाते थे।

कैसे वासना में बह के बाप बेटी का चुदाई का खेल हुआ

जब मैं स्कूल से घर आती थी उस समय पापा ड्यूटी में रहते थे और वह शाम 6 बजे आते थे। तो मेरे पास 4 घण्टे का टाइम था। मैं घर आते ही बैग रखी और अपने कपड़े उतार दी। और पैंटी को देखी तो मेरी पैंटी अभी भी बहुत गीली थी क्योंकि सुनैना की बाते जब से सुनी थी मेरी चुत से लगातार पानी रिस रहा था।

मैं पैंटी को नाक में लगाकर सूंघने लगी। और चुत पर हाथ ले गई तो चुत मेरा एकदम लसलसा हो रखा था। और बहुत स्मेल आ रही थी। मैं चुत पर हाथ रखी तो मुझे आज बहुत अच्छा लगा था। मन कर रहा था चुत पर से हाथ बिल्कुल ना हटाऊँ। फिर मैं शीशे के सामने खड़ी हो गई और अपने छरहरी जिस्म को देखने लगी मैं अपनी ही चुचियों को पकड़ कर हिलाई और थोड़ी दबाई तो मुझे बहुत मजा आया। मेरी निप्पल बिल्कुल टाइट हो चुके थे और बड़ी भी। ऐसा लग रहा था जैसे मेरी चुचियाँ भी बड़ी हो चुकी है। मैं आगे पीछे कई बार मुड़कर अपने शरीर को देखी फिर हल्की झुकी और अपनी चुत को देखने लगी। फिर मैं टांगे थोड़ी फैलाई और शीशे में अपनी चुत देखने लगी मेरी चुत से अभी भी पानी रिस रहा था। लेकिन मेरी चुत की अंदर का हिस्सा मुझे ठीक से नही दिख रहा था तो मैं स्टूल लाई और एक पैर स्टूल पर रख दी और फिर चुत को फैलाई तो हैरान रह गई मेरी चुत का अंदर का हिस्सा बिल्कुल लाल ब्लड के जैसा था।

मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। आज मेरे बदन कुछ अजीब हो रहा था। फिर मुझे सुनैना की बातें याद आयी। वह मुझे बोली थी तू भी मुठ मार के देखना बहुत मजा आता है। सो मैं सबसे पहले बिस्तर पर आ गई और अपनी दोनो पैरो को फैला के चुत सहलाने लगी मुझे बहुत मजा आने लगा तो मेरी हाथों को रफ्तार भी अपने आप बढ़ गई। और मैं एक हाथ से अपनी चूची भी दबाने लगी। मुझे अति आनंद आ रहा था। ऐसा आनंद मुझे जीवन मे कभी नही आया था। सो मैं इसे और तेजी से करने लगी। मेरी चुत का जो दाना था उसमें स्वेलिंग आ चुकी थी और चुत बिल्कुल गर्म हो चुकी थी। मेरी आँखें बंद थी और चुत को रगड़ते हुए 5,6 मिनट हो चुके थे तभी मुझे लगा मुझे कुछ हो रहा है और चुत में कुछ चीज रेंग रही है। यह अनुभव मैं बयान नही कर सकती। तभी मेरी चुत से छराट की आवाज आई और पानी किसी पिचकारी की तरह निकली मुझे बहुत मजा आया तो मैं और तेज चुत रगड़ने लगी। और यह पानी काफी ज्यादा निकला। मेरी पूरी चुत उस पानी से भीग गया। और फिर मैं शांत हो गई। मेरी आँखें बंद थी। मैं निढाल हो गई। जीवन का यह पहला मुठ मारना था। और जैसा कि सुनैना बोली थी सच मे बहुत मजा आया।

और फिर थोड़ी देर बाद मैं उठी तो देखी बिस्तर पर मेरे चुत से निकला हुआ पानी फैला हुआ था। मैं हाथों में टच की और नाक के पास ले गई। शानदार खुशबू था। पानी बहुत निकला था और लसलसा था। तो मैं उठी और एक तौलिया से रगड़ कर उसे पोछि मैं चादर हटाने ही जा रही थी की फिर पता नही क्या हुआ मैं वेसे ही छोड़ दी।

मैं इतनी जोर जोर से चुत रगड़ी थी कि मेरी चुत बिल्कुल लाल हो चुकी थी

और फिर मैं लेट गई। और अपने चुचियों से खेलने लगी मैं सर ऊपर उठाई और चुचियों को हाथों से ऊपर की ओर की और निप्पल को मुँह में लेकर पीने लगी। मुझे ऐसा करने में बहुत मजा आ रहा था। मेरी चुचियाँ फिर शख्त होने लगी और निप्पल की गोलाई बढ़ने लगी। और इसका असर मेरी चुत में भी हो रहा था। मेरी चुत में सरसराहट हो रही थी। लग रहा था जैसे मेरी चुत में चींटियां चल रही है। फिर मैं अपना एक हाथ फिर से नीचे ले गई और चुत को टटोली मेरी चुत से पानी फिर से रिसने लगा था। और फिर मैं चुत को रगड़ने लगी। मैं पैरो को मोड़ ली अब मैं उठ के बैठ गई और चुत को तेजी से रगड़ने लगी। मैं एक उँगली चुत के अंदर डालने की कोशिश की तो मुझे दर्द हुआ तो मैं उँगली नही डाली और चुत जोर जोर से रगड़ने लगी। मेरी मुँह से अब पापा के तरह ही

हहहहहहहहहहहहहहहह….सससीईईईईईईसससीईईईईईई….. ओहहहहहहहहहहहहहहहहह…. ओहहहहहहह हहहहहहह…… आह हहहहहहहहहहहहह….. इरर्राहहहहहहहहह.. की आवाज निकलने लगी। जैसे पापा लन्ड हिलाते समय सिस्कारियां लेते थे उसी तरह मेरे भी मुँह से सिसकारियां निकलने लगी…. आआआहहहहहहह । हहहहहहहहहहहहह… आहहहहहहहहहहहहहहह……

आहहहहहहहहहहहहहहहहह….. ओहहहहहहहहहहहहहहहहह…. उममहःहहहहहहहहहहहहहहहह….सससीईईईईईईसससीईईईईईई….. आहहहहहहहहहहहहहहहहह….. ओहहहहहहहहहहहहहहहहह…. मैं बेतहाशा अपने चुत को रगड़े जा रही थी। मेरी चुत से अब आवाजें आने लगी थी जो मेरे कानों में साफ फच फच की आवाज आ रही थी। ऐसा लग रहा था जैसे मेरा पूरा हथेली पर गर्म लसलसा पानी लग चुका है और मैं मोन किये जा रही थी उममहःहहहहहहहहहहहहहहहह…. सससीईईईईईईसससीईईईईईई….. ओहहहहहहहहहहहहहहहहह…. उममहःहहहहहहहहहहहहहहहह….सससीईईईईईईसससीईईईईईई….. ईईर्ररर्राहहहहहहहहह… ऊँहऊँहऊँहउहहहहहहहहहहह बेबी….. ऐसा करते मुझे 7, 8 मिनट हो चुका था और तभी मुझे लगा एक बार फिर से पहले जैसा होने वाला है और मैं और तेजी से चुत रगड़ने लगी और

सससीईईईईईईसससीईईईईईई….. आहहहहहहहहहहहहहहहहह….. ओहहहहहहहहहहहहहहहहह…. उममहःहहहहहहहहहहहहहहहह….सससीईईईईईईसससीईईईईईई….. ओहहहहहहहहहहहहहहहहह…. उममहःहहहहहहहहहहहहहहहह… करते हुए शरीर ऐंठने लगी और एक बार फिर से मेरी चुत से पानी निकलने लगा। फिर से बहुत सारा पानी निकला था।

अब मैं वेसे ही चुत पर हाथ रखे लेट गई। और कब मेरी आँख लग गई पता ही नही चला।

मेरी नींद तब खुली जब कॉल बेल बजी। मैं झटके में उठी और घड़ी तरफ देखी तो 6 बज चुके थे। मैं समझ गई कि पापा होंगे। मैं पूरी तरह से नंगी थी तो झट से गाउन पहन ली। और जाकर दरवाजा खोली।

मेरे पापा रोज की तरह मुझे सीने से लगाए और बोले मेरा बेटा कैसी है और चॉकलेट दिए। पापा रोज चॉकलेट लाते थे। मेरे बिखरे हुए बालों को देखकर पापा बोले सो गई थी क्या। तो मैं बोली जी पापा नींद आ गयी थी। फिर मैं बोली आप हाथ पैर धो लीजिए मैं कॉफ़ी बनाती हूँ।

फिर पापा बैग रखे और सोफे पर बैठ गए और मैं अपने रूम में फटाक से गई और उस गीले चादर को हटाकर दूसरा चादर बिछाने लगी। हालांकि यह मेरा रूम था। मैं इसी में पढ़ती थी। और कभी कभी यही सो जाती थी।

तभी पापा आवाज दिए बेटा कहाँ चली गई कॉफ़ी बाद में बनाना आओ थोड़ी देर बैठो। तो मैं झट से चादर बिछाई और चली गई। फिर पापा स्कूल और पढ़ाई के बारे में पूछे। https://nightqueenstories.com

मैं तो सोचने लगी कि मैं तो आजकल कुछ और ही पढ़ रही हूँ। फिर मैं बोली पापा आप चेंज कीजिए और फ्रेश हो लीजिए तब बैठिएगा। आप थके हुए आते हैं। मैं कॉफ़ी बनाती हूँ।

फिर मैं किचन में आ गई। खाना बनाने वाली मेड 7 बजे आती थी तो मैं सोची अभी टाइम है इसलिए मैं सैंडविच भी बना दी। और फिर मैं लेकर गई। मैं कॉफ़ी नही पीती थी तो बस अपने लिए सैंडविच ही लायी थी। फिर पापा आ गए। और वह सैंडविच और कॉफ़ी लिए।

पहली बार ऐसा था जब मैं सिर्फ गाउन पहनी थी और गाउन के नीचे कुछ भी नही पहनी थी। जब मुझे अपनी चुचियों पर नजर पड़ी तो मैं शॉक्ड हो गई मेरी चुचियाँ बिल्कुल खड़ी हुई और बड़ी बड़ी दिख रही थी। दोनो चुचियों पर निप्पल की नोक दिख रही थी। तब मुझे एहसास हुआ मैं गलती कर दी हूँ। फिर मैं उठी और अपने रूम में आ गई। और दरवाजा धीरे से बंद की और गाउन उतारकर फट से टॉप पहनी और पैंटी भी पहन ली। फिर ऊपर से गाउन पहन ली। अब मेरी चुचियों के नोक थोड़े कम दिख रहे थे।

फिर मैं आ गई। तब तक खाना बनाने वाली भी आ गई। और वह खाना बनाने लगी और पापा टीवी देखने लगे। वह न्यूज़ देख रहे थे तो मैं फिर उठी और अपने रूम में आ गई। और देखी की पापा टीवी देखने मे बिल्कुल मस्त हैं। तो मैं बाथरुम में गई और अपनी पैंटी उतार दी और कमोड पर बैठ गई मैं गाउन को ऊपर उठा कर बांध दी थी।

और चुत फिर से रगड़ने लगी। आज मुझे ऐसी मजा मिली थी कि मैं बार बार उसे कर रही थी तब भी मेरी चुत तृप्त नही हो रही थी। मैं जोर जोर से अपनी चुत रगड़ने लगी। और थोड़ी देर बाद मेरी चुत से ढेर सारा पानी निकला। फिर मैं चुत पोछि और हाथ धोकर बाहर आ गई।

रात को हम खाना खाए और मैं बोली पापा आज मुझे पढ़ना है आप सो जाइए। और फिर मैं अपने रूम में आ गई। फिर करीब आधा घंटा बाद पापा आवाज दिए कि बेटा देर रात तक मत जागना। पढ़ाई करके सो जाना। मैं बोली जी पापा ठीक है।

पापा के हाथ मे माँ की फोटो थी और पापा रो रहे थे

और फिर जब पापा रूम में चले गए तो मैं अपना रूम लॉक कर ली और फिर से सारे कपड़े उतारकर नंगा हो गई। और बिस्तर पर बैठ के चुत को रगड़ने लगी। मैं 2 बार ऐसा की फिर सो गई। रात 2 बजे मेरी नींद खुली तो मुझे कुछ आवाज सुनाई दी। मैं नंगे थी तो गाउन डाली और धीरे से दरवाजा खोली। और पापा के कमरे के तरफ दबे पांव बढ़ गई। पापा के रूम का लाइट ऑन था। तो मैं दरवाजे पर किनारे खड़ी हुई और हल्का सा पर्दा हटाई पापा का लोअर घुटनो के पास था और पापा का लन्ड मुरझाया हुआ था जाहिर था पापा मुठ मार चुके थे।

लेकिन दोस्तों मेरे पापा के हाथ मे मेरी माँ की फोटो थी और पापा रो रहे थे। और कह रहे थे। दीपू क्यों मुझे अकेला छोड़कर तुम चली गई मेरी जान मैं कैसे जीवन व्यतीत करूँ। तुम्हारी बेटी अब बिल्कुल तुम्हारे जैसे दिखने लगी है वह बड़ी हो गई। उसे मैंने अभी तक संभाला है। लेकिन अब वो बड़ी हो रही है मेरी रानी। उसे अब सही गलत और लड़कियों की पर्सनल बातें सीखने का समय आ गया है जो सिर्फ एक माँ ही सीखा सकती है। क्यो तुमने ऐसा किया। क्यों हमदोंनो को छोड़कर दूर चली गई। कास मैं तुम्हे दुबारा ला सकता बेबी। कास की आज तुम साथ होती। हनी मैं बहुत तड़पता हूँ जान। मैं तुम्हारी प्यार को अमर रखने और कविता के लिए दूसरी शादी नही किया। मुझे तुम मात्र 20 साल की उम्र में छोड़कर चली गई। और एक बेटी का जिम्मेदारी दे गई। जिस उम्र में मुझे कुछ पता नही था। लेकिन फिर भी मैं खुद के साथ बेटी को भी संभाला।

हनी अब मैं मुठ मार मार के थक चुका हूँ। मुझे तुम्हारी चुत की बहुत याद आती है। मैं तुम्हे इमेजिन कर रोज मुठ मारता हूँ। लेकिन लन्ड तृप्त नही हो पा रहा। मैं क्या करूँ हनी। मुझे कुछ नही समझ आ रहा।

पापा के आंखों से आंसू बह रहे थे। पापा को रोता देख मेरी भी आंखों से आंसू बहने लगे। जी कर रहा था अभी जाऊं और पापा के सीने से लग जाऊं। लेकिन मैं ऐसा नही कर सकती थी। क्योंकि पापा नंगे थे। वह शर्मिंदा हो जाते।

फिर मैं अपने रूम में आ गई। और जी भर के रोइ। मुझे तो याद भी नही था मम्मी कैसी दिखती थी। लेकिन मैं भी माँ को मिस करती थी। वेसे तो पापा ने मुझे माँ की कमी महसूस कभी होने नही दिए थे। लेकिन आज उनको रोता देख मेरी रूह तक रो दी थी। मेरे पापा इस दुनिया के सबसे अच्छे इंसान थे। कास की मैं माँ की कमी पूरा कर पाती। और पापा के चेहरे पर मुस्कान ला पाती।

दोस्तों कहानी का यह दूसरा भाग है। और बाकी की घटनाएं अगले और आखिरी भाग में बताऊंगी। कैसे मैंने और पापा ने चुदाई की। कहानी का शीर्षक होगा। बाप बेटी की वासना बाप ने तोड़ा बेटी का सील

ऐसी ही मस्त चुदाई भरी कहानियों के लिए https://nightqueenstories.com की अलग अलग शीर्षक से आनंद लेते रहिए

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2 thoughts on “वासना और चुदाई का खेल

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