चरमसुख का एहसास

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मेरे पति के दोस्त ने मेरी प्यासी चूत को चोदकर मुझे चरमसुख का एहसास कराया

नमस्कार पाठकों, मेरा नाम शालिनी है और कुछ साल पहले हुई एक सच्ची कहानी आपसब से शेयर कर रही हूँ।

मैंने अपने पति सुमित से खुशी-खुशी शादी की हमारा लव मैरिज हुआ है। और चीजें बहुत अच्छी तरह से चल रही थीं।  सुमित का एक अच्छा दोस्त था जिसका नाम आशीष था।, वह लंबा और मध्यम आकार का था और आकर्षक था,  उसकी वाइफ का नाम प्रियंका था।, एक अद्भुत अच्छी दिखने वाली महिला। आशीष और प्रियंका  दोनों हमारे सबसे करीबी दोस्त थे।

मैं 30 साल की  हूं, शारीरिक रूप से बहुत आकर्षक और खूबसूरत हूँ। मेरे 2 बच्चे हैं, दोनों स्कूल जाते हैं।  सुमित मुझे बहुत प्यार करता है और हम एक खुशहाल परिवार हैं, शुरुआती दिनों में वह मुझसे हर दिन प्यार करता था, हमें चुदाई करने में मज़ा आता था। फिर हमने मेरे पहले बच्चे के बाद सप्ताह में दो बार प्यार करने का शेड्यूल बनाया। और दूसरे बच्चे के बाद हमारी लव मेकिंग सप्ताह में एक बार और कम हो गई।  सतीश एक मेहनती लड़का है, जो अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए ओवरटाइम काम करता है और मुझे और मेरे बच्चों को खुश रखने की पूरी कोशिश करता है।

सुमित का दोस्त आशीष प्रियंका के साथ हमारे घर आता था, वह भी बच्चों को दूध पिलाते समय मेरे चुचियों को देखता था और मेरी खूब तारीफ करता था, वह जानबूझकर मेरे खुले बूब्स को देखने के लिए कुर्सी पर  बैठ जाता था। सुमित इस सब से अनजान थे।  एक दिन मैं प्रियंका से मिलने के लिए आशीष के घर गई और दरवाजे की घंटी बजाई, मुझे आश्चर्य हुआ कि आशीष ने दरवाजा खोला, फिर उसने मुझे अंदर आने को कहा। और बताया कि प्रियंका अपने बच्चों के साथ अपनी मां के घर गई है। क्योंकि उसके छोटी बहन की सगाई होने वाली है।

फिर आशीष बोला बैठो मैं चाय बनाकर लाता हूँ। तो मैंने कहा मैं ही बना देती हूं। मैं किचन के अंदर गई और आशीष से अनजान चाय बना रही थी। जो पीछे से आया था और मेरी गोल मटोल गांड को निहार रहा था। जैसे ही मैं चाय लिए पीछे मुड़ी, उसने मेरी तारीफ करना शुरू कर दिया, मैंने कितने अच्छे कपड़े पहने और मैंने अपनी काया को कैसे बनाए रखा, ये सब वह बस बोले जा रहा था।

मैं उसकी आँखों में वासना महसूस कर रही थी। उसने चाय लेते समय जानबूझकर मुझे छुआ और फिर उसने मुझसे i Love You बोला।  मैं हैरान थी कि मेरे पति का सबसे अच्छा दोस्त मुझसे फ़्लर्ट कर रहा है।

मैं अब पूरी घबरा गई थी और जाना चाहती थी।  तो मैंने उससे कहा कि मुझे अभी जाना चाहिए क्योंकि बच्चों के स्कूल से आने का समय हो गया है। लेकिन उसने मुझसे आग्रह किया कि मैं उसे अकेला न छोड़ूं । और मैं वहीं रुक गई, ये मैंने क्यों किया मुझे खुद नहीं पता क्यों।

वह अपने सेक्स लाइफ के बारे में बात करना शुरू कर दिया और मुझे घबराहट होने लगी क्योंकि आशीष सेक्स के बारे में बात कर रहा था और मैं घबराहट महसूस कर रही थी।  हम एक सोफे पर बैठे थे, अचानक वह मेरे पास आया।  और उसने मुझे अपनी कमर से पकड़ लिया और अपना मुँह मेरे ऊपर रख दिया तो मैं चकित रह गई। आशीष के गर्म होंठों को छूते ही मेरा पूरा शरीर अकड़ गया।  जैसे ही मैं मुड़ना चाही, आशीष ने मुझे एक शक्तिशाली आलिंगन में पकड़ लिया और मुझे अपनी छाती से कसकर लगा लिया और मेरे उभरे हुए चुचियों को उसकी विशाल छाती से दबा दिया।

वह मेरे होंठो को किस करने लगा।  और उसके हाथ मेरी चुचियों पर आ गए।    उस समय मेरे मन में वास्तव में दो राय थी कि मैं क्या करूँ?  मैं यौन तनाव की इस उलझन को महसूस कर रही थी। ऐसे मैंने अपने जीवन में कभी महसूस नहीं किया था। लेकिन साथ ही मुझे पता था कि यह गलत था।  पहले तो मैंने विरोध किया लेकिन आश्चर्यजनक रूप से मुझे भी ये अच्छा लग रहा था।  मैं दूर हटने की कोशिश की लेकिन उसकी मजबूत बाहों ने इसे असंभव बना दिया और महेश के गर्म होंठ भी मुझे उससे दूर जाने से रोक रहे थे, मुझे अच्छा लग रहा था क्योंकि मैं काफी समय से चुदी नही थी।  मुझे अपने अंदर एक गर्म सनसनी महसूस होने लगी।

हमारे होंठ एक साथ पिघल रहे थे। वो लगातार किस कर रहा था।  मैं भी अब साथ देने लगी। उसका जीभ मेरे मुंह मे दे दिया। वह भी ऐसा ही कर रहा था। मेरे जीभ को चूस रहा था।  मैं आशीष को पसंद करती थी।  हो सकता है कि यह गलत हो या मन बहक गया हो।  मुझे अच्छा लग रहा था इसलिए मैंने अपनी जुबान उसकी मुँह में पूरा दे दी।  जब मैं ऐसा की तो मेरे शरीर में एक लहर दौड़ गई।  मैं बेकाबू हो रही थी।  हम जोर जोर से एक दूसरे को चूमना शुरू कर दिए

यह अविश्वसनीय अनुभूति मुझे मिल रही थी। मैं अपने पति को भूल चुकी थी। सही गलत का फर्क भूल चुकी थी। मेरे अंदर की वासना ने चुदाई की भूख ने ऐसा किया था। अब उसके हाथ मेरे चुचियों पर थे।

मैंने आशीष से कहा कि मैं उसकी सबसे अच्छी दोस्त की पत्नी हूं और यह गलत है। हमें ऐसा नही करना चाहिए। आशीष मेरे बातों को अनसुना कर दिया। और वह लगातार मेरे चुचियों को दबाए जा रहा था। वह औरतों को खुश करना जानता था।

जब मैं बोल रही थी तब ही उसने मेरी टॉप के बटन खोल दिए थे, और फिर वह मेरे टॉप को निकाल कर दूसरे तरफ फेंक दिया। फिर उसने मेरे ब्रा को अलग किया। मेरे चुचियाँ बहुत सुंदर गोल मटोल हैं। और फिर मेरे खड़े हुए निप्पल  को अपने मुंह में ले लिया।  उसकी गर्म जीभ मेरे सूजे हुए निपल्स को चाट रही थी, और मेरे चुचियों को ऐसे चूस रहा था जैसे वही उसके लिए सबकुछ है। मेरे अंदर भी उतेजना काफी तीव्र गति से भड़क रही थी।

आशीष ने मुझे अपने गोद मे उठा लिया। और मेरे चुचियों को चूसते हुए मुझे सोफे पर लिटा दिया। आशीष मेरे पति से भी ज्यादा हॉट था। और उसका प्यार करने का तरीका मुझे पागल कर दिया था। वह अब मेरी जीन्स उतारने की कोशिश कर रहा था।  मैंने एक बार फिर फुसफुसाया कि ऐसा मत करो। साथ ही मैं ये भी सोच रही थी कि पति के अलावा दूसरे आदमी से चुदाई कितनी रोमांचक होगी। वह अब मेरा जीन्स उत्तर चुका था साथ मे पैंटी भी उतार फेंका।

मैं असहाय महसूस कर रही थी। क्योंकि मुझे यह सब बहुत अच्छा लग रहा था। फिर मैं फुसफुसाई की ऐसा मत करो मैं शादी शुदा हूँ। तो उसने भी झट से बोला कि मैं भी शादी शुदा हूँ। इसलिए बात बराबर। कुछ गलत नहीं है।

मेरी चूत में आग लग चुकी थी, उसने मुझे बहुत चाटा। उसकी गीली जुबान मुझे बहुत आनंद दे रहा था। यह बहुत अविश्वसनीय और आनंददायक था, जिसे मैंने अपने पूरे जीवन में पहले कभी नहीं महसूस किया था।  सुमित ने कभी उसके साथ ऐसा कुछ नहीं किया था उसने कभी इस तरह प्यार नहीं किया था। जिस तरह से आशीष यह सब कर रहा था। यह मेरे लिए बिल्कुल  नया था मुझे बहुत आनंद आ रहा था। अब मैं बेकाबू हो चुकी थी।

मेरी चूत में शोले भड़क चुके थे। पूरा शरीर जल रहा था और फिर मैं उसका सर पकड़ी और अपने जांघो के बीच चूत पर दबा दी।

मैं कराहने लगी और बेतहाशा आवाज निकालने लगी। आहहहहहहहहहहहहहहहह आहहहहहहहहहहहहह आहhhhhhhbhhhh ।  वह मेरी चूत को ऐसे चाट रहा था जैसे आइस क्रीम खा रहा हो।

हम दोनों पूरा पसीना पसीना हो गए थे। अब मैं चुदने के लिए तड़प रही थी। मैंने कभी कल्पना नही की थी कि मेरे पति के अलावा कभी कोई मर्द को अपनी चूत में लण्ड डालने दूंगी। लेकिन यह अब होने वाला था। आशीष मेरे शरीर को चुदाई की आग में धकेल रहा था। उसका चेहरा मेरी गीली चूत में लगातार दबा हुआ था। मेरी चूत को वह जोर जोर से चाट रहा था। वह चुदाई का बहुत अनुभवी खिलाड़ी था। अब मैं खुश थी कि जो सुख मुझे पति से नहीं मिला वो मेरे पति के सबसे अच्छे दोस्त की लण्ड से मिलने वाला था।

मैंने भी कभी अपने पति का लण्ड आजतक नही चूसा था। क्योंकि उसने भी कभी इसके लिए नहीं बोला था। लेकिन मैं आशीष के लन्ड को मुंह मे ले ली और चूसने लगी यह अनुभव बहुत अच्छा था। आज मैं समझी की असली सेक्स और चुदाई क्या होता है।

मुझे अब चुदाई की जरूरत थी अब नही रह जा रहा था। मेरी चूत बहुत गर्म हो गई थी। वह इस बात को भांप लिया और अपना मोटा लन्ड मेरे मुंह से खींच लिया। उसका लण्ड मेरे पति से दुगना मोटा और बड़ा था। इतना विशाल लण्ड का कल्पना ही मुझे अंदर तक झकजोर दिया।

मैं अब खुशी से अपने पैर खुद ही फैला दिए। और उसे चूत में लन्ड डालने का निमंत्रण दिया। अब वह मेरे चूत के होंठो पर अपना मोटा लन्ड रगड़ रहा था। और बीच बीच मे डंडे की तरह लण्ड को मेरी चूत पर पटक रहा था। कसम से यह अनुभव मेरे लिए बिल्कुल नया था। क्योंकि मेरा पति बस किस करता था और मेरी चूत में लण्ड डाल के चोदने लग जाता था। मेरे चूत में जो आग लगी थी उसे सीर्फ यही मोटा लण्ड बुझा सकता था। मेरी चूत बहुत गीली थी अब वह मेरे चूत में अपना लण्ड डाल दिया जो गीली होने के कारण आसानी से चला गया। लेकिन फिर भी मेरे चूत में दर्द हुआ। क्योंकि इतना बड़ा लन्ड मेरी चुत में कभी नहीं गई थी। मेरे मुँह से AAHHHHHHH निकला।

अब वह जोर जोर से चोदने लगा। मेरी मुँह से आह aahhhhhhhhhhh की आवाज निकलने लगा। आह्हहहहहहहहहहहहहहहहहह……….. आआह्ह हहहहहहहहहहहहहहहह………अब वह जोरदार धक्कों के साथ चोदना शुरू कर दिया। अनायास ही मैं चीला रही थी। चोदो मेरे राजा। चोदो। चोदो जोर से। फाड़ दो मेरी प्यासी चूत। सालों से मेरी चूत प्यासी है।  आहआहहहहहहहहहहहहहह…आशीष चोदो मेरी प्यासी चूत को।………. मेरे राजा चोदो जोर से। सुमित कभी इतना जोरदार चुदाई नही किया। aahhhhhhhhhh  आज तुम मुझे चुदाई का असली एहसास दिलाए। आज मैंने असली मर्द का लंड से चुद रही हूँ। आहहहहहहहहहहहहहहह आहहहहहहहहहहहहहहहहह तुम्हारा लण्ड बहुत मोटा है चोदो आशीशशशशष चोदो । फाड़ दो मेरी चूत। निकाल दो सारा रास मेरी चूत की।  ओह हहहहहहहह हहहहहहह हाँ आशीषशशशशश आई लाइक दिस माय किंग। fuckkkkk me Ashish fuckkkkkk me fuccckkkkkk me hard my prince. Fuckkkkkkk baby fuckk. I love you Ashish i love you. फ़क मी हार्ड माय king फक मी हार्ड। चोदो। मैं प्यासी हूँ मेरी चूत तुम्हारे लंड खाने को बेताब था। सुमित ने कभी इतना नहीं चोदा मुझे। आज तुमने मुझे जिंदगी का सच्ची चुदाई का एहसास दिलाया। चोदो । चोदो जान।  चोदो। चोदो अपनी दोस्त की चुदक्कड़ बीवी को। चोदो। । फाड़ डालो मेरी चूत को। करीब 1 घंटे के चुदाई के दौरान मेरी चूत अनगिनत बार झड़ चुकी थी। शायद मैं जिंदगी में पहली बार ऑर्गेज्म चरमसुख पाई थी। वो भी एक साथ कई बार। फिर आशीष ने  कहा मैं झड़ने वाला हूँ। तो मैंने कहा मेरी चूत में ही झड़ जाओ आशीष।  अपना लंड  का पानी मेरे चूत में ही छोड़। और फिर उसका लण्ड गर्म लावा से मेरे चूत को भर दिया। और हाँफते हुए मेरे ऊपर लेट गया। मैं उसे कस के दबोच ली। और अनगिनत चुम्मों की बौछार उसके चेहरे पर दे दी। मैं अब पूरी तरह संतुष्ट हो चुकी थी।  आशीष ने मुझे पूरी तरह से संतुष्ट कर दिया था। पहली बार मेरी जिंदगी में इतनी रंगीन पल आए थे।

और मैं पहली बार पति के दोस्त से चरमसुख हसिल की।।

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मेरी अगली कहानी का शीर्षक है “मौसी की प्यासी चुत – Part 2”

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धन्यवाद।

आपसब अपना ख्याल रखिएगा। और अपना प्यार इसी तरह बनाए रखिएगा।

नमस्कार।

The End

 

 

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One thought on “चरमसुख का एहसास

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