मोटी औरतो की चुदाई

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मोटी चुत को चोदने का और बड़ी बड़ी चूचियों को दबाने का मज़ा ही कुछ और है।

” यार कभी किसी मोटी औरत को चोदा है तूने?” sex के बारे में बात करते हुए राकेश ने विक्की से पूछा।

विक्की, “पागल है तू ? मोटी औरतो को कौन पसंद करता है ? उन्हें चोदने में क्या माज़ा आएगा ?”

राकेश , “अरे भाई तब तो तुजे ज़िन्दगी के इस आनंद के बारे में कोई जानकारी नहीं है। ”

विक्की , “तो इसका मतलब की तूने किसी मोटी औरत को चोदा है ?” हैरान होकर पूछा विक्की ने।

राकेश , “चल अब में तुजे एक मज़ेदार किस्सा सुनाता हु। ”

विक्की , “हाँ बिलकुल सुन्ना , हमे भी पता चले इस आनंद के बारे में ज़रा। ”

राकेश , “हम्म , सर्दियों का मौसम था और में अपने घर लखनऊ गया हुआ था। सुबह छत पर कसरत करते हुए में सोच रहा था की मुझे काफी ज़यादा समय बीत चूका था चुदाई कर के। कसरत करते हुए सोच में डूबा में और फिर छत पर आई पड़ोस की बिना भाभी , ओहो क्या कमाल की थी वह। ”

विक्की ने राजेश को रोका और पूछा , “कातिल , कमसीन हसीना थी क्या ? पतली कमर और चिकना बदन ?”

“यार नहीं। अधेड़ उम्र की हष्ट पुष्ट , भरे हुए बदन वाली औरत थी वह, रंग साफ़ गोरा , या यु कहले गुलाबी। ”

“अरे क्या यार राजेश , रंग में भंग दाल दिया ना। भला मोटी ओरत   ”

“चुप , पूरा किस्सा सुन पहले। ”

“अच्छा चल बता। ”

“तो जब वह छत पर आई , हमारी नज़रे एक हुई और मुझे देख कर वह हैरान थी। मेने बस लंगोट के अलावा कुछ और नहीं पहना था। मज़े की बात तो ये थी की उसने अपनी नज़रो को झुकाया नहीं और मेरी तरफ देखती रही। साला मेरा भी खून खोलने लगा , मुझे लगा की बात तो ज़रूर करनी चाहिए , लेकिन इससे पहले की में कुछ पूछता , भाभी जी ने मुझसे सवाल कर दिया। ”

बिना भाभी , “दिवेदी जी के बेटे हो ना , दिल्ली में पढ़ाई करने वाले ?”

“हाँ हाँ , अपने कैसे पता कर लिया। ”

“तुम्हारी माता कल हमसे कह रही थी की तुम्हे कसरत करने का बहुत शोक है। ”

“अच्छा , वैसे आप को पहले कभी देखा नहीं यहाँ। ”

“हम बस पिछले महीने ही भाय कर आये है , दिलीप जी की दूसरी पत्नी है। ”

“ओह अच्छा ”

“काफी अच्छा body बनाये है आप।” चेहरे पर मुस्कराहट के साथ बिना भाभी ने कहा।

“आप कुछ सीखना चाहेंगी ?” मेने भी इशारो में अपनी बात रख दी थी।

“क्यों नहीं , थोड़ी देर में ये चले जायेंगे , अगर आपको कुछ खास काम ना हो तो आजाये घर पर और सीखा दे हमे। ”

राजेश , विक्की से बोला , “यहाँ पर मामला ते हो चूका था मेरे दोस्त , मुझे पता था , आज मस्त चुत मिलनेवाली थी हमको और दो बडे दूध की थेलियो के दर्शन भी। ”

विक्की , “यार हाँ ये बात तो है की इन मोटी औरतो की चूचिया हद से ज़यादा बड़ी होती है। ”

“ओह भाई , पूछ मत , हाथ में समाती नहीं पूरी तरह से। ”

“चल अब आगे बता जल्दी से, फिर कैसे चोदा तूने उससे। ”

“हम्म , नहाकर और अपने झाटो की सफाई करके में पहुँच गया बिना भाभी के घर। दरवाज़े पर दस्तक दी तो अंदर से आवाज़ आई की दरवाजा खुला था , अंदर बुला लिया मुझे। भीतर जाने के बाद , भाभी के कही भी दर्शन नहीं हुए। उत्तेजना बढ़ती जा रही थी , भाभी की दोबारा आवाज़ आई , उन्होंने बताया की वह गुसलखाने में थी। ये सुनते ही मेरा लंड खड़ा होगया यार , मेने भी भाभी से पूछा , क्या में भीतर आ सकता हु। कोई जवाब नहीं आया तो मेरे पसीने छूटे लगे , लेकिन फिर भाभी की आवाज़ दोबारा आई , उन्होंने कहा , हाँ आजाओ।

मेने अपने कपडे उतार दिए और नंगा अपना खड़ा लंड लिए भीतर चला गया। यार सामने थी वो , पूरी नंगी , पीछे मूड कर कड़ी थी। बड़ी सी गांड उसकी जिसपर लगा था साबुन का झाग। में भाभी के पास बड़ा और अपना लंड उसकी गांड पर लगा दिया। भाभी ने कुछ नहीं कहा , वह अब भी उसी तरह खाड़ी थी। मेने फिर लंड को धीरे धीरे उनकी गांड पर ऊपर नीचे हिलाना शुरू किया , तब भाभी ने आह भरी। फिर उनका हाथ आया और उन्होंने अपने हाथ से मेरे लंड को पकड़ लिया , अब भी वह मेरी तरफ मुड़ी नहीं थी। भाभी अपने हाथो से मेरे लंड को महसूस कर रही थी , ओहो क्या गज़ब का माज़ा आ रहा था भाई।

और फिर वह मेरी तरफ मुड़ी , मुझे कहा , अरे दिया , ये तो काफी बड़ा है आपका। में भाभी से बोला , अरे भाभी आपके दर्शन के बाद तो आज लंड कुछ ज़ायदा ही सख्त हो चूका है, क्या आप चूसना चाहोगी ? भाभी पलक झपकते ही नीचे बैठ गई अपने घुटनो पर और मेरा लंड उन्होंने मुँह में लिया। मेरे पुरे जिस्म में जैसे बिजली सी दौड़ गई , मेने भाभी के गीले बालो को पकड़ा और लंड उनके मुँह के अंदर बहार करने लगा। जिस तरह से भाभी लंड मेरा चूस रही थी , ऐसा लग रहा था जैसे की उनकी आत्मा तृप्त हुए जा रही हो। अंदर बहार , कुछ देर में तो मेने भाभी के मुँह को ही चुत समज लिया था।

काफी अंदर तक लंड देने की बाद मेने देखा की भाभी अपनी चुत को सेहला रही थी , जो इस बात का इशारा था की उनकी चुत की आग को बुझाना अब ज़रूरी था। मेने भाभी से कहा , चलो अब ज़रा bedroom में चलते है , बिस्तर पर लेटाकर कर चोड़ेंगे आपको। भाभी जी खाड़ी हुई और मेरा हाथ पकड़ कर मुझे सीधा ले गई bedroom में।

भाभी बिस्तर पर लेट गई अपनी दोनों टांगे फैलाकर और सबसे बढ़िया था मेरे भाभी उसकी चुत का नज़ारा।मोटी चुत जो छिपी हुई थी उसकी मलाईदार गोरी सी चमड़ी की परत के अंदर , जैसे ही भाभी ने अपनी चमड़ी फैलाई , उसकी गुलाबी चुत के दर्श हुए। पानी छुट रहा था चुत से , मुझसे तो रहा नहीं गया और मेने अपना लंड चुत में डाला। भाभी ज़ोर से चीखी, आ आ , मुझे महसूस हुआ की चुत काफी तंग थी भाभी की , शायद भइया चोदते नहीं थे उन्हें। जैसे ही लंड अंदर गया , गज़ब का माज़ा आया और हमे भाभी की ज़ोरदार ठुकाई शुरू करदी , टपाटप टपाटप।

भाभी तो बस आखे बंद किये मेरे नाम का ही जाप किये जा रही थी। फिर हम भाभी पर पूरी तरह से फेल गए और उनकी बड़ी बड़ी चूचियों को चाटने और चूमने लगे। साला मन तो कर रहा था की काट खाऊ उन गुलाबी निप्पल को , लेकिन मेने थोड़ा सयम बरक़रार रखा और बस उन्हें सम्भोग का पूरा माज़ा दिया। फिर हमरे लंड को झड़ना था तो हमने भाभी से पूछा कहा चाहती थी वह हमारी मलाई , भाभी बोली मुँह के अंदर। ये सुनकर तो हम और भी उत्तेजित हो गए और दोबारा खड़े होकर भाभी को हमने अपने लंड के पास झुका दिया , उनका मुँह बिलकुल खुला था। लंड को हिलाते रहे और जब मलाई निकली तो बस पूरी तरह उनके मुँह और चूचियों पर फ़ैल गई। जो भाभी के मुँह में पड़ी उन्होंने आखे बंद करके उसका पूरा आनंद उठाया।

ओहो क्या माज़ा आया था पहली बार उन्हें चोदकर, देखो बस सोचकर ही लंड इतना ज़यादा tight होगया है हमारा। ”

विक्की जो पुरे ध्यान के साथ ये वाणी सुन रहा था , ज़बरदस्त तरीके से उत्तेजित होगया था , “साले राकेश लगता है तू मुझे मोटी औरतो को चोदने का आधीन बना देगा। क्या वर्णन किया है बिना भाभी की चुदाई का , मन कर रहा है की बस अभी जा कर शांति बुआ को चोददालु। ”

राकेश , “ये शांति बुआ कौन है बे ?”

विक्की , “अरे मेरे पड़ोस में रहती है , माँ बताती है की उसका पति पियाकड़ है , ज़रूर वह भी उससे नहीं चोदता होगा और मेने शांति बुआ की गांड को देखा है , क्या मस्त बड़ी गांड है उनकी। ”

राकेश , “ऐसी बात है और अगर तुजसे चुदवाती है तो मुझे भी ज़रूर याद करलेना भाई , साथ मिलकर चोड़ेंगे शांति बुआ को। ”

विक्की , “हाँ हाँ , क्यों नहीं मेरे भाई। अच्छा ज़रा ये बात तो फिर क्या बिना भाभी को एक ही बार चोदा क्या उस दिन। जितना में तुजे जानता हु , तू एक बार में तो रुकने वालो में से नहीं है। ”

राकेश , “हम्म आगे की कहानी और दिलचस्प है। ”

विक्की , ” तो फिर रुका क्यों है , जल्दी से बता दे। ”

राकेश ने आगे की कहानी सुनाई , “तो हमदोनो नंगे बिस्तर पर लेटे हुए थे और बिना भाभी बता रही थी की उन्हें कितना माज़ा आया था मुझ से चुदाई करवाके। माज़ा तो मुझे भी गज़ब का आया था , और में बस इसी इंतज़ार में था की कब मेरा लंड दोबारा खड़ा होजाये तो इस बार में उनकी पीछे से ठुकाई करलु। तभी अचानक भाभी ने कुछ ऐसा कह दिया जो मेने कभी सपने में भी नहीं सोचा था।“

विक्की , “क्या बोली भाभी ?”

राकेश , “यार वह बोली की , आप ने मेरा चुदाई इतनी अच्छी तरह से किया है , तो मेरी एक दोस्त भी है पुष्प , वह भी मेरी तरह बहुत सुन्दर है लेकिन शरीर से भारी तो उसका पति भी उसे नहीं चोदता , आप हम दोनों की चुदाई करदो अब। ”

विक्की , “ओहो ! अबे क्या किस्मत है बे तेरी , इतना सारा माल अकेले लूटने का मौका मिल गया तुजे। ”

राकेश , “उस वक़्त तो भइया , मेने भी बिलकुल वही सोचा। तो भाभी ने phone लगाकर पुष्प को भी बुला लिया। पुष्प जब आई , गुलाबी रंग की साड़ी पहनकर, मेरे तो होश ही उड़ गए उसे देख कर। गोरी चिट्टी , भूरे लम्बे बाल , आखे उसकी थी हलके रंग की , स्तन ऐसे बड़े बड़े की चूसते चूसते मन ना भरे कभी , पेट उसका भी निकला हुआ था और गांड भी , तो अब ये समजलो लो भाई की हम मोटी ऐश्वर्या को चोदने वाले थे।

यहाँ अब तक दिमाग पूरी तरह से पुष्प भाभी की खूबसूरती को निहार नहीं पाया था और वहा बिना भाभी का हाथ हमारे लंड को टटोलने लगा की वह खड़ा हुआ था या नहीं।

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अचानक से पुष्प भाभी बिना से बोली , अरे रुक जा , इन्हे कुछ दिखा भी देती हु प्रोहत्साहन के लिए। पुष्प ने अपनी साड़ी को खोलना शुरू किया। उसने तो बस ब्लाउज ही पहना था , अंदर bra नहीं थी , ओहो क्या boobs थे यार। निप्पल भी बड़े थे पुष्पा के और जबरदस्त तरीके से सख्त हो रखे थे , बाये स्तन पर उन्हें एक टिल भी था। मुझसे रहा नहीं जा रहा था , मुझे जल्दी से उनके निप्पल को चूसना था।

लंड मेरा खड़ा हो रहा था और बेसबर बिना लंड को चूसने भी लगी थी। तभी पुष्पा पूरी तरह से नंगी होकर मेरे पास चलकर आई और सामने खड़ी होगई , पुष्का की चुत में मेने ऊँगली करना शुरू कर दिया , काफी गरम और गीली चुत थी पुष्पा भाभी की। एक भाभी मेरा लंड चूस रही थी और एक की चुत में ऊँगली करते हुए में चुम्मा चाटी कर रहा था। गजब मजेदार…

उसके बाद अचानक कब दोनों मुझे बिस्तर पर ले गए मुझे पता ही नहीं चला , मुझे लेटाकर बारी बारी दोनों औरते मेरे लंड के ऊपर बैठ मुझे चोदने लगी और दूसरी बार उस दिन मेरी मलाई निकली। जब मेरे लंड पर पुष्पा और बिना बारी बारी से आगे पीछे हो कर हिल रही थी , तब उनकी बड़ी बड़ी चूचिया भी हिल रही थी , में आज तक वह नज़ारा भूल नहीं पाता हु। “

विक्की , “अब तो भाई लगता है , अगर किस्मत हो तो तेरे जैसी ही हो। में भी लग जाता हु किसी मोती sexy भाभी की तलाश में। ”

राकेश , “तलाश करने की कोई ज़रूरत नहीं है तुजे , दोनों , यानि की बिना भाभी और पुष्प भाभी ने आज हमे उनके घर बुलाया है। उनके पति किसी tour पर गए हुए है , वार्ना में तुजे ये किस्सा ही क्यों बताता ?”

विक्की , “साले कमीने , तूने मुझे मोती औरतो को चोदने के लिए, मेरी उत्तेजना बढ़ाने के लिए ये किस्सा सुनाया ?”

बस फिर और क्या था , दोनों दोस्त पहुँच गए भाभी के घर

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