मेरी गर्म चुत की आग बुझाई

 480 

सहेली के बॉयफ्रेंड ने मेरी गर्म चुत की आग बुझाई

उसने भी बिना देर किए मेरी चुत में उँगली डाल दिया। वो शॉर्ट्स में आया था और वो भी अंडरवियर नहीं पहना था। मैं झुकी और उसके शॉर्ट्स को नीचे खींच दी और उसके लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी।

 

फिर मैं बोली पिछले सीट पर चलो। हम अंदर से ही पिछले सीट पर पहुँच गए तब तक मैं गाउन उतार दी। और उसने भी शॉर्ट्स उतार दिए। और मैं उसके ऊपर आ गई और लन्ड को चुत में डालकर चोदने लगी।

कैसे मैंने सहेली के बॉयफ्रेंड से अपनी चुत चुदवाकर सहेली से बदला ली

दोस्तो, मेरा नाम रोजी है। मेरी उम्र 23 साल है. मेरा फिगर 32-28-34  है।

 

ये वाकया उस समय की है जब मैंने अपने ग्रेजुएशन कर रही थी। मेरी एक दोस्त थी जिसका नाम निधि था। वो बहुत ही हँसमुख स्वभाव की लड़की थी। कुछ ही दिनों में मेरी उससे बहुत अच्छी दोस्ती हो गई थी। हमारा 4, 5 लड़कियों का ग्रुप था जिसमें हमारी एक और दोस्त चेतना भी थी। कुछ दिनों बाद मेरी नजर एक स्मार्ट लड़के पर पड़ा। वह हमसे सीनियर था। उसका नाम नाम उदित था। वह बहुत ही सीरियस नेचर का लड़का था जिससे मुझे पहली ही बार में प्यार हो गया। लेकिन मैं लड़की थी तो कैसे अपने दिल की बात कह सकती थी और फिर उसे मैं जानती भी नहीं थी और वह मेरे से सीनियर भी था।

सहेली के बॉयफ्रेंड से चुदाई

मेरी फ्रेंड निधि से मैंने पूछा- यह लड़का कौन है, इसके बारे में कैसे पता चलेगा?

तो वो बोली ये उदित हैं और हमलोगों से सीनियर हैं यह अपने बैच के टॉपर हैं। क्यों तुझे पसंद है क्या?

तो मैंने बोल दिया- नहीं यार बस ऐसे ही पूछ लिया!

 

कुछ दिनों बाद मेरे कॉलेज में स्टूडेंट यूनियन के चुनाव होने थे  जिसमें उदित ने अपने लिए पर्चा भरा चुनाव में वोट के लिए।

पहली बार उससे मेरी बात तब हुई जब उसने हमसे वोट के लिए कहा। उस समय हम सभी सहेलियां कैंटीन में साथ थी।

 

चुनाव वाले दिन हमने उसे बेस्ट ऑफ लक बोला। मेरी सहेली निधि उसे बोली- सर आप ही चुनाव जीतोगे। जिस पर उसने धन्यवाद बोला साथ ही उसने मेरी सहेली की तरफ हाथ आगे किया और दोनो हाथ मिलाए फिर उदित ने बारी बारी हम सब से हाथ मिलाया। लेकिन उस टाइम मुझे निधि से बहुत ईर्ष्या हुई जब वह उदित से हाथ मिलाई। और फाइनली वोट काउंट हुए और उदित चुनाव जीत गया क्योंकि उसकी राजनीति में बहुत रुचि थी और वह बहुत तेज भी था। साथ ही बहुत अच्छा नेचर का था, वो कॉलेज का छात्रसंघ अध्यक्ष बन गया।

 

समय बीतता गया अब हम किसी न किसी बहाने रोज मिलते। लेकिन हम सभी सहेलियां साथ होते थे। मेरी सहेली निधि उससे ज्यादा बात करती थी। इस कारण वह मेरी सहेली की तरफ ज्यादा अट्रेक्ट हो रहा था। मुझे जब ऐसा लगा कि वो निधि को पसंद करता है तो मैंने भी निधि से बोल दिया कि मैं उदित को पसन्द करती हूँ। उससे बहुत प्यार करती हूं। तुम उससे कम बात किया करो।

तो वह बोली- मैं तो दोस्त की तरह उससे बात करती हूँ। अगर तू उसे पसन्द करती है तो जाकर बोल दे उसे?

 

अब तो पूरे कॉलेज में उसका जलवा था कॉलेज के सभी लड़कियां उसपर जान छिड़कने लगी थी। वो चाहता तो कॉलेज की कोई भी लड़की पटा लेता लेकिन उदित बहुत सीरियस लड़का था और अपने करियर के प्रति बहुत फोकस्ड था। और राजनीति में रुचि होने के कारण ज्यादा ध्यान कॉलेज के कामों में रहता था।

ऐसे ही एक साल निकल गया। लेकिन हम बस दोस्त ही बन पाए।

वो भी तब क्योंकि कभी कभी मैं बहाना बनाकर कुछ काम लेकर उसके पास जाती थी।

लेकिन मेरा शक सही होता जा रहा था कि वो मेरी सहेली की तरफ अट्रैक्ट होने लगा था। उसके बारे में हमसे भी पूछ लेता था और वो उसकी बहुत केअर करता था। उसके कॉलेज के सारे काम झट से करवा देता था और दूसरों के काम ले लिए तमाम बहाने बनाता था।

मैं काफी परेशान रहने लगी। और एक दिन फैसला किया कि मैं ऐसे ही चुप रही तो उदित मेरे हाथ से फिसल जाएगा। तो एक दिन हिम्मत जुटाकर मैंने उसे प्रपोज कर दिया। लेकिन उसने मेरा प्रपोजल को न बोल दिया। और बोला कि इनसब चक्कर मे मुझे नही पड़ना।

मुझे बहुत दुख हुआ और मैं उदास हो गई, मैं घर आकर बहुत रोइ। और अगले कई दिन तक कॉलेज नही गई। लेकिन मैं भी तब प्रण ली कि चाहे जो भी हो मैं इसे पटा कर ही रहूंगी। चाहे जैसे भी! मैंने आपको पहले ही बताया कि मेरा फ़िगर बहुत कमाल का है। उस समय मेरे सुडौल बूब्स 32″ के और चौड़ी सी गांड जिस पर कॉलेज में बहुत से लड़के फिदा थे और मेरी चूत के सपने देखते थे। और ऐसा नहीं था कि मैंने पहले चुदाई के मजे नहीं लिए थे मैं पहले भी चुद चुकी थी। और उसी कारण मेरी बॉब्स और गांड़ बड़े हुए थे। मेरी फिगर शानदार हो गई थी। लेकिन सच्चा प्यार मुझे किसी से नहीं हुआ था। ज़िन्दगी में पहली बार मुझे किसी लड़के से प्यार हुआ और उसने ही मना कर दिया। जबकि मैं देखने में किसी जन्नत की परी लगती थी जिसे पूरा कॉलेज चोदना चाहता था।

बदले की चुदाई

कुछ दिन उदास रहने के बाद धीरे धीरे सब नॉर्मल होने लगा। अब मैं कॉलेज जाने लगी। और उदित से मेल जोल बढ़ाने लगी। उसने एक दिन सॉरी बोला- और बोला माफ करना मैंने तुम्हारा दिल तोड़ा। ओर बोला- हम अच्छे दोस्त बन सकते हैं। तुम बहुत अच्छी हो।  इसी तरह हम 5 सहेलियों  और उदित और उसके दोस्तों का ग्रुप बन गया। अब हम अक्सर साथ पार्टी और मस्ती करते। धीरे धीरे हमसब को ये एहसास हो चुका था कि उदित निधि को लाइक करता है। उसकी बहुत केयर करता है। साथ ही निधि भी उसे लाइक करती है। अब मुझे निधि से बहुत जलन होने लगी थी। लेकिन क्या कर सकते थे।  आखिरकार थी तो मेरी सहेली ही।

हम सभी सहेलियां ब्लू फिल्म देखकर लेस्बियन सेक्स किए

धीरे धीरे सबको पता चल गया कि इन दोनों का चक्कर चल रहा है। और दोनो एकदूसरे।दे मोहब्बत करते हैं। निधि एक सMआर्ट लड़की थी वह ज्यादा बोलना जानती थी। जबकि निधि का कोई अच्छा फ़िगर नहीं था न बूब्स बड़े थे, ना ही गांड चौड़ी थी।

 

हम सभी सहेलीयां अक्सर ब्लू फिल्म देखा करते थे। और साथ ही एक दूसरे के बूब्स दबाती और चूसती. उस टाइम ग्रुप में सबसे बड़े स्तन मेरे थे। हम लेस्बियन सेक्स भी करते थे। सभी सहेलियों को मेरे सुडौल और बड़े बूब्स से जलन होता था। और सभी पूछती- तेरे बूब्स इतने बड़े और कड़क कैसे हैं? मैं बोलती मैं रोज दबाती हूं। धीरे धीरे सेकंड एक और साल भी निकल गया। उदित और सोना का प्रेम परवान चढ़ने लगा. लेकिन मुझे जलन होती और बदले की भावना थी कि उदित को मुझे अपना बनाना है। और मैं हमेशा यही सोचते रहती। कभी कभी मैं निधि को भी बोल देती मजाक में कि उदित तो मेरा है!

शराब के नशे में निधि बताई की वह और उदित कई बार चुदाई कर चुके हैं और अब रोज चुदाई करते हैं

एक दिन हम सभी सहेलियां निधि के घर पर पार्टी करने का प्लान बनाए। क्योंकि उसके घर पर कोई नहीं था। शाम को हम सबने जम के शराब पी ब्लू फिल्म देखी। और लेस्बियन सेक्स किये। और तभी शराब के नशे में निधि बताई की उदित और उसने कई बार चुदाई किए हैं। वो दोनो अक्सर उदित के घर पर मिलते थे। और चुदाई करते थे। ये सुनते ही जैसे मेरी तो शराब का नशा गायब हो गया। लगा जैसे मेरा सबकुछ लूट गया।

 

फिर एक दिन मैं रात को उदित को मैसेज की। और उस दिन से मैं रोज उसे गुड मॉर्निंग और गुड नाईट बोलने लगी।

 

अब अक्सर हम रात को भी बात करने लगे। और फिर मैं एक दिन बातों बातों में उससे बोली कि हमदोनों बात करते है इस बात को वो निधि से कभी ना बताए। क्योंकि हो सकता है उसे बुरा लगे। और इसके लिए मैंने उसे प्रॉमिस ले लिया कि वो निधि को न बताए। धीरे धीरे में उसकी लाइफ के बारे में जानने लगी। और हंसी मजाक के साथ खुलकर बात करने लगी। अब वह निफ्हि और उसके बारे में भी बताने लगा। और धीरे धीरे उनदोनों के सेक्स के बारे में भी बात करने लगा।

 

अब तो हालात ये था कि उदित और निधि उसके ऑफिस में ही मिलने लगे और घंटो अकेले में रहते थे। सुर जब वे रूम में होते थे तो चेतना बाहर खड़ी रहती थी। वैसे तो उसकी इतनी चलती थी की उसकी परमिशन के बिना कोई अंदर नहीं जा सकता था। लेकिन कोई देखे न इसिलए वो चेतना को नजर रखने के लिए बोलता था। मैं भी कभी कसभी साथ में खड़ी रहती थी।

मैं उदित से अपनी चुत चुदवाकर निधि से बदला लेना चाहती थी

और मैं हमेशा उदित से चुदवाकर निधि से बदला लेना चाहती थी।

मुझे अपना बदला लेना था कैसे भी! इसी बीच कॉलेज की छुट्टी हो गई। और निधि अपने किसी रिलेटिव के यहां चेन्नई चली गई।

 

मैं इस मौके का फायदा उठाना चाहती थी। और अब मैं रोज रात को उदित से बात करने लगी। अब हम घंटो बातें करने लगे। और बातों बातों में मैं उसे छेड़ने लगी। मैंने उससे पूछ लिया कि लास्ट टाइम कब किए थे। तो उसने अनजान बनते हुए बात को घुमा दिया। लेकिन मैं फिर से रिपीट की। और बोली बताना नही चाहते तो कोई बात नहीं। तो फिर उसने बोला कि 10 दिन हो गए। मैं समझ गयी निधि जब यहाँ थी तभी वो उसे चोदा था।

चुत की आग

फिर मैं बोली किसके साथ तो वो नही बता रहा था। फिर मैं खूद ही बोली कि निधि के साथ तो उसने हाँ कहा। फिर मैं बोली फिर तो उसकी बहुत याद आती होगी। तो उसने कहा हां याद तो आती है लेकिन क्या करें। तो मैं झट से बोल दिया। तुम चाहो तो मेरे से कर सकते हो अल्हिर मैं तुम्हारी भी दोस्त हूँ और मेरी सहेली के तुम बॉयफ्रेंड हो। तो मेरी सहेली के न रहने पर मेरा फर्ज बनता है कि मैं तुम्हारा पूरा ख्याल रखूं।

मेरी चुत में आग लग चुकी है मैं तुम्हारे लंड से चुदना चाहती हूँ

अब वह धीरे धीरे एक्साइटेड होने लगा। और मैं यही चाहती थी। फिर मैंने कहा क्या हुआ कुछ हो रहा है क्या। तो उसने हाँ कहा तो मैं बोली खड़ा हो गया क्या। तो उसने धीरे।से कहा हां।

तो मैं बोली- क्या खड़ा हो गया

वह- चुप रहा

मैं- बोलो ना क्या खड़ा हुआ

वह- फिर चुप रहा

मैं- शायद तुम्हारा लंड खड़ा हो गया है

वह – हाँ

मैं- तो इसमें इतना शर्माने की क्या बात है खुल के बोलो ना

फिर उसने बोला

उदित- क्या तुम्हें कुछ नही हो रहा है

मैं- बहुत कुछ हो रहा है

उदित- क्या हो रहा है

मैं- मेरी चुत में आग लग चुकी है। मैं चुत चुदवाना चाहती हूं

उदित- किससे

मैं- तुम्हारे लन्ड से अच्छा उस दुनिया मे किसका लंड होगा। तुम्हारी लंड मेरे चुत में जाएगा तो मैं तृप्त हो जाऊंगी।

उदित – लेकिन मैं तो तुम्हारी सहेली का बॉयफ्रेंड हूँ

मैं- हाँ हो लेकिन जब मेरी सहेली का बॉयफ्रेंड चुत के लिए तड़प रहा हो तो मेरा फर्ज बनता है कि उसकी तड़प, उसके आग को मैं बुझाऊँ। क्या तुम मेरे चुत में अपना लंड डालकर  लंड को ठंढ करना चाहोगे

उदित – हाँ लेकिन कैसे

मैं- तो आ जाओ मेरे घर मैं तैयार हूँ तुम्हारे लन्ड की आग को बुझाने के लिए

उदित- अभी?

मैं- जब आग अभी लगी हो तो बुझनी भी तो अभी ही चाहिए।

उदित – लेकिन बहुत रात है और तुम्हारे घर पे सब होंगे।

मैं- तुम उसकी टेंशन मत लो। अगर लन्ड की प्यास बुझाना चाहते हो तो आ जाओ।

उदित – ठीक है मैं आ रहा हूँ।

मैं- ठीक है मैं इंतजार कर रही हूँ मैं गेट खोलकर रखूंगी तुम गाड़ी सीधा गेट के अंदर ले लेना।

मैं उसके ऊपर आ गई और उसके लंड को अपने चुत में डालकर चोदने लगी

और मैं गेट पर खड़ी होकर उसका इंतजार करने लगी। उस दिन मेरे घर मे सिर्फ दादी थी। और वो गहरी नींद में सोती थी। तो मुझे कोई डर नही था। 10 मिनट में ही मैने देखा सामने गाड़ी आ रही है तभी कॉल आया और उदित बोला गेट खोलो मैं पहुच रहा हूँ। मैं गेट खोल दी। लाइट मैं पहले से ही ऑफ कर रखी थी। और वो गाड़ी सीधा अंदर ले लिया। मैं सिर्फ एक शार्ट स्कर्ट में थी और अंदर ब्रा और पैंटी भी नहीं पहनी थी। जैसे ही वो गाड़ी पार्क किया मैं आगे का दरवाजा खोली और अंदर चली गई। और उसे दबोच कर किस करने लगी। हमदोनों की जिस्म में सेक्स की चिंगारी तो फोन पर ही भड़क चुकी थी।

 

उसने भी बिना देर किए मेरी चुत में उँगली डाल दिया। वो शॉर्ट्स में आया था और वो भी अंडरवियर नहीं पहना था। मैं झुकी और उसके शॉर्ट्स को नीचे खींच दी और उसके लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी।

 

फिर मैं बोली पिछले सीट पर चलो। हम अंदर से ही पिछले सीट पर पहुँच गए तब तक मैं गाउन उतार दी। और उसने भी शॉर्ट्स उतार दिए। और मैं उसके ऊपर आ गई और लन्ड को चुत में डालकर चोदने लगी। 15 मिनट हम चुदाई किए। मैं दो बार झड़ गई। फिर उदित भी झड़ गया। फिर मैं उदित का हाथ पकड़ी और नंगे ही अपने घर मे ले गई। और सीधा अपने बेडरूम में गई। और जाते ही उसे बीएड पर धक्का देकर गिरा दी। और उसके ऊपर आकर लंड चुत में डालकर चोदने लगी। उस रात हम 3 बार चुदाई किए। सुबह 4 बजे उदित चला गया।

 

और मैं उदित से अपनी चुत चुदवाकर अपने सहेली से बदला ले ली।

 

तो दोस्तों कैसी लगी मेरी सहेली से चुत की चुदाई कहानी।

 

हमें उम्मीद है कि आपको हमारी कहानियाँ पसंद आयी होगी और हम आपको बेहतरीन सेक्स कहानियां प्रदान करना जारी रखेंगे ।

इस तरह की और कहानियाँ पाने के लिए nightqueenstories.com पर जाएं।

कमेंट और लाइक करना न भूलें।

100% LikesVS
0% Dislikes

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *