चुत की आग

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ड्राइवर से जबरदस्ती चुत की आग बुझाई

नशे की वजह से मेरी चुत चुदासी हो रखी थी। फिर मैं एक एक कर सारे कपड़े उतार दिए और बेड पर पूरी तरह से नंगी हो गई और अपने पैरों को फैला के चुत पर थूक लगा के हाथों से रगड़ने लगी। मैं एक हाथ से अपनी चूची दबा रहा था तो कभी झुक के और चुचियों कोउठा के खुद से पी भी रहा था। मैं जोर जोर से अपनी चुत में उंगली कर रही थी। करीब 20 मिनट हो गए थे चुत में उंगली करटे लेकिन मेरी चुत से ना पानी निकल रही थी ना ही चुत की आग बुझ रही थी

कैसे मैंने अपनी चुत की आग जबरदस्ती ड्राइवर से बुझाई

हेल्लो nightqueenstories.com के पाठकों मेरा नाम नीलू है। मैं दिल्ली की रहने वाली हूँ। कॉलेज की स्टूडेंट हूँ मैं अमीर घर की माँ-बाप की इकलौती औलाद हूँ। मेरी उम्र 22 साल है। दिल्ली में मैं अपने घर मे रहती हूँ। दरअसल मेरे पापा का ज्यादातर बिजनेस गुजरात मे शेटल होने के कारण माँ पापा गुजरात ही चले गए। लेकिन मेरी पढ़ाई के कारण मै दिल्ली में ही रह रही हूँ। मेरे साथ मेरे घर मे ड्राइवर रहता है जो की बाहर में एक रूम बना है उसमें वो रहता है। (प्रिय पाठकों आप यह कहानी nightqueenstories.com पर पढ़ रहे हैं)

ड्राइवर का नाम सुनील है। वह पहले पापा का ड्राइवर था इसलिए बिसवासी है जब पापा गुजरात शिफ्ट होने लगे तो उसे मेरे पास ही मेरी गाड़ी चलाने के लिए छोड़ दिए। सुनिल बहुत विनम्र और सीधा सादा लड़का है।

मेरे पास पैसे हैं और मैं दिल्ली की हूँ तो बाकी अमीर बिगड़ैल अमीरजादों की तरह मुझे भी पार्टी क्लब, शराब सिगरेट की लत थी।

एक दिन मैं क्लब गई उस क्लब में जोड़े ही जाते हैं क्योंकि वहां नँगापन और सेक्स खुलेआम होता है। लेकिन मैं अकेले ही गई थी। और गाड़ी चलाकर सुनिल ही गया था। क्लब में सेक्सी म्यूजिक चल रही थी। लड़कियां बिल्कुक नंगे थी। कुछ जोड़े शराब के मस्ती में चुदाई भी कर रहे थे। मैं ये सब देख रही थी फिर मेरे बदन में भी कुछ होने लगा। तो मैं जम के शराब पी और डांस किया। फिर मैं पिने लगी।  मैं काफी पी ली चुकी थी। इतनी की मेरे होश नही थे। फिर मेरे ड्राइवर ने ही मुझे अपने गोद मे उठाया और गाड़ी में डाल के घर लाया। मैं बिल्कुल होश में नहीं थी। तो सुनिल ने मुझे उठाकर मेरे बैडरूम में ले गया बीएड पर लिटाकर मेरे जूत्ते निकाले और मुझे सुला दिया।

 यह पहली बार था जब मैं इतनी पी थी। फिर करीब 3 बजे मेरी नींद खुली तो पूरा शरीर अकड़ रहा था। फिर मैं सोचने लगी कि मैं घर कैसे और कब आयी लेकिन कुछ याद नही आ रहा था। मेरे शरीर मे एक अजीब सा नशा से अभी भी छाया हुआ था लेकिन वो नशा शराब का नही था।

अपने पैरों को फैला के चुत पर थूक लगा के हाथों से रगड़ने लगी।

मुझे क्लब की वो नंगी लड़कियां सेक्स करते जोड़े याद रहे थे। अब मेरी नींद खुल चुकी थी तो मैंने सोचा क्या करूँ। फिर मैं लैपटॉप पर पोर्न मूवी देखने लगी मेरे शरीर मे और आग भड़क गई। फिर मैं अपने चुत को सहलाने लगी। मेरे चुत में जबरदस्त आग लग चुकी थी।

फिर मैं एक एक कर सारे कपड़े उतार दिए और बेड पर पूरी तरह से नंगी हो गई और अपने पैरों को फैला के चुत पर थूक लगा के हाथों से रगड़ने लगी। मैं एक हाथ से अपनी चूची दबा रही थी तो कभी झुक के और चुचियों को उठा के खुद से पी भी रही थी। मैं जोर जोर से अपनी चुत में उंगली कर रही थी। करीब 20 मिनट हो गए थे चुत में उंगली करते लेकिन मेरी चुत से ना पानी निकल रही थी ना ही चुत की आग बुझ रही थी

यह पहली बार था जब इतनी देर तक चुत रगड़ने के बाद भी चुत शांत नही हुआ।

यह पहली बार था जब इतनी देर तक चुत रगड़ने के बाद भी चुत शांत नही हुआ। मैं झुंझला गई और हाँफते हुए लेट गयी। मैं मानसिक रुप से तड़प रही थी। मेरी चुत की आग मुझे आराम नही मिलने दे रही थीं। मुझे अब चुदाई की जरूरत थी। फिर मेरा ध्यान सोचते सोचते सुनील पर गया और सोचने लगी कि वह कैसे मुझे लाया होगा मैं तो पूरी टल्ली थी। फिर उसके जिस्म के बारे में ख्याल आने लगा। मैं बन्द आंखों में कल्पना करने लगी। मेरी चुत अब और भूखी हो चुकी थी। फिर मैं उठी और आइने के सामने खड़ी हो गई और दोनों पैरों को फैलाकर चुत को देखा मेरी चुत गीली थी और पानी के कारण चमक रही थी। मैं फिर से चुत खड़े खड़े ही रगड़ने लगी 10 मिनट तक रगड़ी लेकिन मेरी चुत की आग ठंढी होने का नाम ही नही ले रही थी।

मैंने कहा कहा सुनील मेरी चुत में आग लगी हुई है। मेरी चुत की आग को ठंढा कर दो।

फिर मैं नंगे ही सुनील के रूम की तरफ चल दी। मैंने दरवाजा खटखटाया तो उसने दरवाजा खोला और मुझे नंगे देखकर हड़बड़ा गया और पीछे हट गया। और बोला मैडम ये क्या हाल बना रखी हो क्या हुआ आपको, आप ठीक तो हो और मैं बिना कुछ बोले उसे पकड़ी और उसके होंठो को किस करने लगी वह घबरा गया और मुझे हटाने की कोशिश करने लगा और बोला मैडम आप शायद अभी भी नशे में हो। प्लीज ऐसा मत करो मैं आपका ड्राइवर हूँ। तो मैंने कहा सुनील मेरी चुत में आग लगी हुई है। मेरी चुत की आग को ठंढा कर दो। और फिर मैं उसे बेड पर गिरा दी। वो विरोध कर रहा था लेकिन मैं थी तो उसकी मालकिन ही तो उसका विरोध भी एक हद तक ही था। मैं उसके बनियान को उतार दी। वह पहले से अंडरवियर में था। मैं उसके ऊपर आकर उसके समूचे बदन को चाटने लगी। (प्रिय पाठकों आप यह कहानी nightqueenstories.com पर पढ़ रहे हैं)

फिर मैं नीचे आई और मुझमें इतनी जोश भरी थी उस समय की मैं उसका अंडरवियर पकड़ी और फाड़ दी। उसका लंड सोया हुआ था लेकिन तब भी 4 इंच का था फिर मैं उसके लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी। अब उसका विरोध भी कमजोर पड़ने लगा था और उसकी लंड खड़ा होने लगा था। करीब मैं 5, 7 मिनट उसकी लंड को चुसी। उसका लंड पूरा खड़ा हो गया था। और 7 इंच का मोटा  हो गया था। अब सुनील भी जोश में आ चुका था। फिर उसने मुझे पकड़ा और बेड पर पटक दिया और खुद ऊपर हो गया और मेरी होंठो को किस करने लगा करीब 10 मिनट तक वो किस करते रहा मैं उसके मजबूत छाती के नीचे दबी हुई थी। फिर वो नीचे जाने लगा और मेरी चुचियों को पीने लगा। लेकिन मुझे कुछ और चाहिए थी। मैं उसके सर को पकड़ के नीचे की टफ धक्का देने लगी वो भी समझ गया। और नीचे मेरे दोनों पैरों के बीच आ गया। फिर वह अपना मुँह मेरे गीली चुत पर रखकर चाटने लगा मैं उसके सर को पकड़ के यपने चुत पर दबाने लगी। अब वह जोर जोर से मेरी चुत चाट रहा था। और मैं गांड उठाने लगी।

जो चुत थोड़ी देर पहले आग में जल रही थी और उँगलियों से शांत नहीं हो रही थी। अब वो जीभ का स्पर्श पाकर मचल उठी थी।

क्या बताऊँ दोस्तो मुझे जन्नत मिल गया था। वह इतना अच्छे से मेरी चुत चाट रहा था। कि जो चुत थोड़ी देर पहले आग में जल रही थी और उँगलियों से शांत नहीं हो रही थी। अब वो जीभ का स्पर्श पाकर मचल उठी थी। मुझे मजा आने लगा था बहुत मजा आने लगा था।

मैं जोश में अपनी चुचियों को जोर जोर से खुद ही मसल रही थी। और सुनील अपनी जीभ को टाइट करके  तेजी से अंदर बाहर कर रहा था। वो अपनी उंगलियों से मेरी चुत के दाने को रगड़ भी रहा था। तो कभी अपनी उंगलिया चुत में डाल के गोल गोल घुमा रहा था। अब वो अपनी जीभ से मेरे चुत के दाने को रगड़ने लगा और मेरी चुत में 3 उंगली डाल के अंदर बाहर करने लगा। करीब आधे घंटे ऐसे करटे हो चुके थे। तब मुझे लगा कि अब मेरी चुत पानी छोड़ने वाली है। और मैं उसके हाथ को पकड़ के और तेज तेज उंगली अंदर बाहर करने लगा। और गांड को उछालने लगा। और तभी पिचकारी की तरह मेरी चुत पानी छोड़ दी। जो सीधे सुनील के चेहरे पर पड़ी। उसका पूरा चेहरा मेरी चुत के पानी से सन गया। मुझे बहुत आराम मिला। मैं आंखे बंद करके पड़ी रही।

मैने बोला सुनील अब अपनी लन्ड मेरी चुत में डालके चोदो।

वो मेरे चुत को पूरा चाट गया मैं पूरी तह से अब भी संतुष्ट नहीं हुई थी तो मैने बोला सुनील अब अपनी लन्ड मेरी चुत में डालके चोदो।

वह आज्ञा का पालन किया और अपने लंड के सुपाड़ी पर थूक लगाया और चुत के छेद पर लगाया। चुत पहले से गीली थी और उसके लंड पर थूक के कारण लण्ड फिसलता हुआ मेरी चुत में पूरा समा गया। अब मेने उसके कमर को।पकड़ के खिंचने लगी तो वो भी जोर जोर से धक्के मारने लगा। मैं मस्त हो चुकी थी और आहहहहहहहहहहहहओहहहहहहहहहहहहह की आवाज करने लगी थी। करीब 15 मिनट तक ऐसे ही चोदता रहा और फिर मैं झड़ने लगी।

उसके बाद मैं अभी भी शांत नही हुई थी अब मैं उसे झटके से खींची और उसे बेड पर लेटा दिया और मैं उसके ऊपर आ गई। और उसके लंड को पकड़ के अपने चुत पर लगाई और बैठ गयी। और मैं कूदने लगी। मेरी गांड पूरी रफ्तार से ऊपर नीचे ही रहे थे और उसका लंड सटासट मेरी चुत में जा रहा था। करीब 10 मिनट के तबतोड़ चुदाई के बाद मैं फिर झड़ने लगी। और मैं जोर से उसके लंड पर अपनी चुत दबा दी। और झड़ गई। (प्रिय पाठकों आप यह कहानी nightqueenstories.com पर पढ़ रहे हैं)

अब मैं पूरी तरह से सन्तुष्ट हो चुकी थी। और अब और नही चुदना चाहती थी। मैं पूरी तरह से थक चुकी थी। फिर मेने कहा कि सुनील अब मैं नही चुदूँगी अब हो गया। वह भड़क गया और बोला की पहले मेरे लंड में आग लगाई और अब बिना पानी निकले ही भाग रही हो। मुझे अभी चोदना है। तो मैने कहा तुम मेरी मुँह में चोद लो तो उसने कहा नही मुझे चुत चोदना है। फिर मैं भी लाचार होकर बोली कि ठीक है मैं लेटती हूँ तुम चोदो। अब मैं लेट गयी और वह मेरे पैरों को अपने कंधे पर लेकर चोदने लगा। मैं पूरी तरह से थक चुकी थी। मेरी चुत में बेतहाशा दर्द होने लगा था। मेरी आँखों से आंसू आने लगे। लेकिन मैं बर्दाश्त किये हुए थी। कि आखिर मेरी ही गलती है मैंने ही सुनील को गर्म किया। तो फिर कैसे उसे ऐसे छोड़ दे।

जो कुछ देर पहले मैं पूरी जोश में चुदाई करवा रही थी वहीं अब निर्जीव की तरह पड गयी थी। करीब 20 मिनट के जबरदस्त चुदाई के बाद सुनील आह ….आह ….आह…… करते हुए मेरे चुत में बीर्य छोड़ दिया। और मेरे ऊपर धड़ाम से आ गया। मैं नीचे दब गई। मैं इतना थक चुकी थी मेरी चुत इतनी दर्द दे रही थी कि मैं हिल भी नहीं पा रही थी।

फिर 5 मिनट बाद मैं सुनील को धक्का देकर साइड में की और चुत पर हाथ ले गई तो मुझे कुछ अजीब सा लगा जब हाथ ऊपर लेकर देखी तो मेरे हाथों में खून लगा हुआ था। मेरी चुत की उस दिन धज्जियां ऊंड चुकी थी। अहले कई दिन तक मेरी चुत दर्द देती रही सुर मैं लंगड़ा के चलती रही।

लेकिन उस रात की चुदाई थी जबरदसत। तो दोस्तों ये थी मेरी चुत की जबरदस्त चुदाई।

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मेरी अगली कहानी का शीर्षक है “गर्म हुई आंटी की चुत – भाग 4”

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धन्यवाद।

आपसब अपना ख्याल रखिएगा। और अपना प्यार इसी तरह बनाए रखिएगा।

नमस्कार।

The End

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