चोदू जानवर

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चोदू भेड़िया मानव – हवस से भरा एक खूंखार जानवर

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३६ वर्षीया सीमा, दिखने में बहुत ही sexy और hot थी। उसकी चूचिया बड़ी और मुलायम सी थी और बिना bra के भी ज़यादा लटकती नहीं थी। गुलाबी रंग के बड़े nipple और बाये nipple पर एक भूरे रंग का टिल, सीमा की चूचियों को गजब का खूबसूरत बनाता था।

लेकिन उन दिनों अपनी ज़िन्दगी से कुछ खफा सीमा, सेहर से दूर एक तालाब के पास campaign करने गई थी।

वो अकेलापन सीमा के लिए बहुत बड़ी राहत लाया था, दुनिया से दूर उस चांदनी रात में हलके ठंडे पानी में नंगी तेर रही सीमा बस अपने आप में गुम थी। उस वक़्त वह अपने सारे गमो को भूलकर बस अपने जिस्म की आग को बुझाना चाहती थी। उस झील के किनारे पर आकर वह लेट गई और चाँद की खूबसूरती को देखने लगी। सीमा का गोरा जिस्म चमकती चांदनी में मानो जैसे घुल सा गया था।

उसने अपनी टैंगो को फैलादिया और हलके हाथ से अपनी चुत को सहलाने लगी, सीमा अपने दूसरे हाथ से अपनी चूचिया दबा रही थी। उस वक़्त उसे ऐसा लग रहा था जैसे की वह अपने आप को प्रकृति की खूबसूरती से चुदवा रही थी।

सीमा ने अपनी चुत में अपनी दो उंगलिया डाली और उन्हें अंदर बहार करने लगी। उसकी आखे बंद होगई और उसकी गीली चुत में आग सी लग गई थी।”आ आ!”करती हुईं सीमा उस वक़्त अपने आप को चोदने में मग्न थी। सीमा को तो इस बात का ज़रा भी अंदाज़ा नहीं था की कोई चोरी छुपे उसे देख रहा था।

हवस के बढ़ते कदम अनजान सीमा की तरफ आने लगे और तभी अचानक चाँद को बदलो ने धक् दिया। सीमा को अजीब सी दुर्गंद आई और वह होश में आगई अपनी खुमारी से बहार। तब सीमा को ऐसा लगा जैसे आस पास कोई था और वह खड़ी होकर, नंगी अपनी गाड़ी की तरफ बढ़ने लगी।

पूनम की चांदनी में चमकते हुए पानी से बहार निकली सीमा अपनी गाड़ी की तरफ बड़ रही थी। सीमा पूरी तरह से नंगी थी और पानी से भीगा उसका जिस्म बहुत खूबसूरत लग रहा था। चाँद भी अपनी चांदनी से मानो सीमा के जिस्म को चुम रहा था। सीमा जब गाड़ी के पास आई तो उसने देखा की उसके कपडे गाड़ी में नहीं थे।

भीगा नंगा जिस्म लेकर सीमा यहाँ वहाँ अपनी नज़रे हैरान होकर दौड़ाने लगी। कुछ ही पलो में डर सीमा पर पूरी तरह से हावी था और उसके nipple फूल चुके थे, शायद थड़ी हवा की सरसराहट के कारन। जल्दी से गाड़ी का दरवाजा खोल सीमा गाड़ी में बैठ गई और घबराई नज़रो से यहाँ वहाँ देखने लगी।

उसके मन में बस एक ही ख्याल दौड़ रहा था, कोई था ज़रूर वहाँ जिसने उसके कपडे ले लिए थे और उसपर पुरे समय नज़र भी रखी हुई थी। बहार ठंडी हवा अब ज़ोरो से बह रही थी और गाड़ी के अंदर सीमा पसीने से तरबतर थी। बस बहती हवा की सरसराहट और सीमा की गर्म सांसो की आवाज़ के अलावा और कुछ सुनाई नहीं दे रहा था।

तब अचानक सीमा को सुजा की गाड़ी शुरू करके वह जल्दी से वहाँ से निकल जाये और उसने बिलकुल ऐसा ही किया। वह उस जगा से गाड़ी भगाती हुई निकल गई। main रास्ते तक पहुंच कर सीमा की जान में जान आई और उसने गाड़ी की speed को थोड़ा धीमा किया। “जान बची तो लाखो पाए।” ये सोचते हुए सीमा के दिल की धड़कन भी अब normal होगई थी, तभी अचानक रास्ते के बीचो बीच कुछ अजीब नज़ारा दिखा उसे। एक आदमी रस्ते पर लेटा हुआ था , सीमा ने गाड़ी को धीमा किया और आदमी के पास लेजाकर गाड़ी को रोक दिया।

“ये आदमी इतनी ठंड में रस्ते के बीचो बीच बिना कपड़ो के पड़ा हुआ है?” ये सवाल मन में रख कर वह गाड़ी से नीचे उत्तरी। “क्या इसके साथ वो होगया जो मेरे साथ हो सकता था ?” एक और सवाल मन में लिए वह घबराई सी आदमी के पास गई और उससे उठाने लगी , “कौन हो तुम? ये हालत किसने की है तुम्हारी?”

आदमी तो बेहोश सा लग रहा था, जब सीमा ने उससे छुआ तो उसका जिस्म बहुत ज़यादा गरम था। सीमा को लगा की उसे बहुत तेज़ भुखार था, किसी तरह उसे सहारा देकर वह आदमी को गाड़ी के भीतर ले आई।

उस आदमी को अब भी पूरी तरह होश नहीं आया था और सीमा गाड़ी चलते हुए बस यही सोच रही थी के जल्दी से कोई गांव आजाये और उन्हें सहारा मिले। अजीब तरह से बड़बड़ा रहा था वह आदमी और तब अचानक सीमा की नज़र उसके लंड पर पढ़ी। सीमा ने देखा की उसका लंड काफी बड़ा था और अदा खड़ा हुआ भी। लंड को देख सीमा के जिस्म में हलचल सी मच गई और उसका मन बेचैन होने लगा, तभी सीमा ने गाड़ी को रोकने का फैसला किया। एक किनारे गाड़ी रोक कर सीमा से उस अजनबी के लंड को अपने हाथ में लिया और उसे हलके से हिलाने लगी।

सीमा की चुत से पानी निकलने लगा था, अपने दूसरे हाथ से सीमा ने अपनी चुत में भी ऊँगली करना शुरू किया। सीमा जिस तरह से लंड को हिला रही थी उसकी वजह से लंड पूरी तरह से खड़ा होगया था और ये कोई आम लंड जैसा बिलकुल भी नहीं था। उस अजनबी को तो होश नहीं आया था लेकिन सीमा ने अपनी ज़िन्दगी में ऐसा बढ़ा लंड अब तक नहीं देखा था। हैरानी और हवस से भरी सीमा की भावना अलग दिशा में दौड़ रही थी।

गाड़ी की seat को पीछे कर , सीमा उस अजनबी के ऊपर बैठ गई और उसके लंड को अपनी चुत में ले लिया। सीमा पर अस्वाभाविक हवस हावी थी और वह लंड पर उछलती रही। सीमा की चुत का पानी पूरी तरह से बह रहा था और वह ज़ोर ज़ोर से मज़े में चीख भी रही थी, “उफ़, आ आ, हाय!”

तभी अचानक पूरा चाँद जो बदलो के पीछे छुपा था, दोबारा से प्रकट होगया और उस अजनबी को होश आगया। उसकी आखो में एक चमक सी आगई और उसके दांत तीखे होने लगे। सीमा तो इस परिवर्तन से अनजान थी, वह तो बस चुदाई के माज़े ले रही थी।

उस अजनबी के नाख़ून बड़े होने लगे, उसके बालो के साथ साथ। अचानक उसमे अपार शक्ति भी आगई और उसने सीमा को कस कर पकड़ लिया। सीमा ने अपनी आखे खोली और उस भयानक जानवर को देख उसकी चीख अब बदल गई। वह “बचाओ बचाओ” चिलाने लगी लेकिन वह जानवर बहुत ताकतवर था, सीमा को उस हालत में उठाकर वह उसे अपने साथ जंगल के भीतर ले गया।

गहरे जंगल में लेजाकर वह मानव भेड़िया शायद सीमा का खात्मा करने वाला था। सीमा डर के मारे काँप रही थी, उसकी आवाज़ पेड़ो से टकराकर बस जंगल में ही गूंज रही थी। भागने का भी कोई फायदा नहीं था, गुर्राता हुआ वह भेड़िया और आदि मानव उसपर लपक कर उसे मार सकता था। वह भेड़िया कुछ ७ फ़ीट लम्बा था और उसके जिस्म पर हलके भूरे रंग के बाल थे , किसी आम भेड़िये की तरह वह चार पेरो पर नहीं बल्कि दो पेरो पर खड़ा था। उसके नाखून और दांत, लम्बे और तीखे थे और आदमी की तरह दिखने वाला उसका लंड काफी बड़ा था। घबराई और नंगी सीमा को देख उसका लंड सख्त होगया था।

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वह सीमा पर गुरा नहीं रहा था , बस उसे घूर रहा था। तब सीमा को लगा जैसे की वह उसे मारना नहीं चाहता था , बस शायद चोदना चाहता था। घबराई हुई सीमा ने अपने पेरो को फेलाडिया और आँख बंद करके बस यही सोचने लगी की किसी तरह उसकी जान बच जाये। भेड़िया मानव सीमा के पास आया और उसकी झांगो पर जो पानी था उससे सूंघने लगा और फिर उसने उस पानी को चाटा। सीमा को गुदगुदी सी होने लगी और उसने भेड़िया मानव के सर को पकड़ लिया।

फिर धीरे धीरे ऊपर बढ़ता हुआ भेड़िया मानव सीमा की चुत तक आगया और उसकी चुत को अपनी लम्बी ज़बान से चाटने लगा। सीमा ने ऐसी गहरी चटाई का अनुभव पहले कभी नहीं किया था , सीमा बहुत ज़यादा उत्तेजित होगी और अपनी झांगो के बीच उसका सर दबोच लिया। वह आदि मानव तो पागल सा होगया था , सीमा की चुत का स्वाद उसे बेचैन कर रहा था। उसने ज़ोर से गरजना लगाई , “आओ ऊ…” और फिर सीमा के पेरो को पूरी तरह से खोल दिया। सीमा को पता था की अब आगे क्या होने वाला था , वह बस अपनी आखो को बंद करके रुकी रही उस मोठे लम्बे लंड को अपनी चुत में लेने के लिए।

आदि मानव ने अपना लंड सीमा की चुत में एकदम से डाल दिया और सीमा की चीख निकल गई , “आ…”

शुरवात थोड़े दर्द से हुई लेकिन जब लंड अंदर बहार हो रहा था सीमा को अनोखा माज़ा आने लगा। उसकी चुत तो पानी पानी हो चुकी थी और सीमा हवस में मदहोश। लेटी हुई सीमा ज़बरदस्त चुदाई की वजह से हिल रही थी और उसकी बड़ी बड़ी चूचिया आगे पीछे हो रही थी। उस जानवर ने सीमा की चूचियों को भी चाटा और सीमा कराह उठी , “उफ़…”

वह बेताबी से सीमा को काफी देर तक चोदता रहा और फिर सीमा के अंदर ही झड़ गया। ऐसी मज़ेदार चुदाई और बड़ा लंड अंदर लेने की वजह से सीमा की चुत पूरी तरह से लाल हो चुकी थी। जैसे ही वह भेड़िया सीमा के अंदर झडा, सुबह की पहली किरण निकल रही थी और इसी के साथ उसका रूप आदमी जैसा होने लगा।

कुछ ही वक़्त में वह पहले की तरह पूरी तरह मानव बन गया। सीमा को देख कर वह हैरान था और वहा से भाग जाना चाहता था , लेकिन सीमा ने उसे रोका। “

रुको , मुझसे घबराने की ज़रूरत नहीं है तुम्हे। मैं बस तुम्हारे बारे में जानना चाहती हु। सीमा की आवाज़ सुनकर उसे अजीब सा अपनापन लगा और वह रुक गया। “क्या जानना चाहती हो आप और क्यों? मेने आपके साथ जो किया क्या वह काफी नहीं था आपके लिए ?”

उसकी आवाज़ में दर्द महसूस हुआ सीमा को और ऐसा लगा जैसे की जो कुछ हुआ था , वह इस आदमी की मर्ज़ी के खिलाफ था। “देखो जो कुछ हुआ है , उसका मेने पूरा आनद लिया है , तुम्हे अपने आप को दोष देने की कोई ज़रूरत नहीं है। ”

“क्या , सच ?”

“हाँ , बिलकुल। मुझे चुदाई का ऐसा माज़ा आज तक कभी नहीं आया। ”

उस लड़के के चेहरे पर मुस्कान आगई और वह सीमा को अपने साथ जंगल में बनी एक झोपडी में ले गया। उसने सीमा को अपने कपडे दिए शरीर ढकने के लिए।

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सीमा के मन में कही सारे सवाल थे और उसने शुरवात की उस लड़के का नाम पूछकर , “तुम्हारा नाम क्या है ?”

“मेरा नाम पंकज है और में इस जंगल का रखवाला हु। ”

“तो क्या तुम ऐसे ही पैदा हुए थे? मेरा मतलब है की…”

“हाँ मैं समझ गया आप क्या पूछना चाहती हो। मैं आपको सब कुछ बताऊंगा , पहले आप चाय पिलो। ”

सीमा के हाथ में चाय का प्याला देते हुए उसने सीमा से कहा , “सदियों पहले मैं इस इलाके का राजा हुआ करता था , एक दिन शिकार के वक़्त मेरी एक भेड़िये से मुटभेड हुई और मेने उसे मार गिराया। लेकिन मैं भी बुरी तरह से ज़ख़्मी हो गया था और उस के बाद पूनम की पहली रात मुझे वह जानवर बना देती है , जिसके दर्शन अपने किये। ”

“तो क्या तुम अमर हो?”

“हाँ मैं अमर हु , मेने अपना राज पाठ त्याग कर इस जंगल को अपना घर बना लिया। जिस भेड़िये की हत्या मेरे हाथो से हुई थी वह कोई आम भेड़िया नहीं था। वह एक देवता था जो इस जंगल की रक्षा करता था और अब ये ज़िम्मेदारी मुझ पर है। ”

अपना राज़ बताकर पंकज ने अपनी नज़रो को झुका दिए और फिर सीमा ने उससे कहा , “जितना मैं समझती हु , कल रात जिसने मुझे चोदा वह कोई जानवर नहीं था। तुमने मुझे कोई नुकसान नहीं पहुचाया , बल्कि मेरे अंदर लगी आग को भुजाया है। ”

एक बार और पंकज और सीमा की नज़रे मिली और फिर अपने इंसानी रूप मैं पंकज ने सीमा की चुदाई की…

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