तड़पती जावानी – Part1

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मेरी सहेली का बेटा बना मेरी तड़पती जावानी का मालिक। भाग-1

जब मेरी सिलेक्शन हो गया उसके बाद मैं निखर गई। और शादी के कुछ दिन बाद ही मैं अकेली रहने को मजबूर हो गई। मैं अब हद से ज्यादा हॉर्नी हो चुकी हूं मेरा मन हमेशा चुदाई करने को कहता है। और फिर मेरी पोस्टिंग मुम्बई हो गई अब तो और आफत हो गई। दिल्ली से तो मैं कभी कभार अपने हस्बैंड के पास चली भी जाति थी लेकिन मुम्बई से आना जाना बहुत कम हो गया।

अब मैं हमेशा चुदासी रहती थी। मेरी चूत की ज्वाला हमेशा भड़कते रहती थी। मैं किसी से दिल नही लगाना चाहती थी। मैं अपने हस्बैंड को धोखा नही देना चाहती थी। इसलिए मैं उँगलियों के सहारे ही अपनी चूत की गर्मी निकालती थी।

दोस्तों एक बात आपको बताती हूँ। इस बार मैं कानपुर आ तो गई लेकिन मेरी चुत की आग ठंडी नही हुई क्योंकि मेरे हस्बैंड अब पहले जैसे चोद नही पा रहे थे। उनको शुगर की बीमारी हो चुकी थी। और वो पिछले 10 दिन में मात्र 3 बार मुझे चोदे थे वो बस बमुश्किल 2, 3 मिनट ही चोद रहे थे। और पहले की तरह मेरी चुत और चुचियों को सहला भी नही रहे थे। बस लन्ड डाल के चोदने लगते और थोड़ी देर बाद हाँफते हुए मुझपर लुढ़क जाते। मैं इस बात से बहुत परेशान हो चुकी थी।

https://nightqueenstories.com के सभी प्यारे पाठकों को मेरा नमस्कार। उम्मीद करता हूँ सब खैरियत से होंगे। दोस्तों मेरा नाम कावेरी है मैं 34 साल की गठीले बदन की एक महिला हूँ। मैं नियमित एक्सराइज और योगा करती हूँ जिससे मैं बिल्कुल फिट हूँ। मेरी चुचियों की साइज 34, कमर पतली सी 29 इंच और गांड 36 की है। मैं एक पढ़ी लिखी वेल एजुकेटेड और गवर्मेंट सर्विस करती हूँ। मैं इनकमटैक्स डिपार्टमेंट में हूँ और अभी मुम्बई में मेरा पोस्टिंग है। पिछले 4 साल से मेरी यहां पोस्टिंग है। वेसे तो पूरे देश मे मेरी पोस्टिंग कही भी होती है लेकिन कोशिस करके अधिकारियों से बातचीत और जुगाड़ करके ट्रांसफर रुकवाना पड़ता है।

दोस्तों 30 साल की उम्र में मेरी शादी हुई है। मैं लाख अपने मम्मी पापा के कहने पर शादी नही कर रही थी क्योंकि मैं पहले सेटल होना चाहती थी। और गवर्मेंट जॉब के लिए तैयारी कर रही थी। मेरे पापा भी रेलवे में अधिकारी थे और मेरा बचपना बनारस में गुजरा है वही मेरी पढ़ाई लिखाई भी हुई है। मेरा सेलेक्शन भी कही नही हो रहा था। मैं भी बहुत परेशान हो गई थी और धीरे धीरे शादी की उम्र भी निकल चुकी थी मैं 29 साल की हो गई। तो एक दिन मेरे पापा मुझे समझाए की बेटा शादी कर लो अब क्योंकि उम्र ज्यादा होते जा रही है फिर लड़का भी मिलना मुश्किल होगा। शादी कर लो और तैयारी करते रहना। तो मैं पापा की बात मान गई। लेकिन अब भी देर तो हो ही चुका था और अब आसानी से मेरे उम्र का लड़का नही मिल रहा था। फिर एक दिन एक रिश्ता आया वह एक जमीन डीलिंग का काम करता था। और उसकी पहली पत्नी का देहांत हो चुका था। लेकिन उसकी उम्र बहुत ज्यादा था। उनका उम्र 43 साल था।

और फाइनली मेरी शादी उससे हो गई। वह कानपुर में ही कारोबार करता था।

शादी के बाद मैं ससुराल गई कुछ दिन बाद ही मेरे हस्बैंड मुझे अपने साथ लेकर कानपुर वाले घर मे आ गए। अब यहां बस हमदोंनो ही रहते थे। तो मैं हस्बैंड से बात की तो वो तैयार हो गए कि मैं जॉब की तैयारी कंटिन्यू रख सकती हूँ। और एक साल के अंदर ही मेरा टैक्स इंस्पेक्टर के पद पर सेलेक्शन हो गई। लेकिन मेरी पोस्टिंग दिल्ली में हो गई। तो मेर हस्बैंड परेशान हो गए। लेकिन कर भी क्या सकते थे। यहां मुझे एक सरकारी क़वार्टर अलॉट हो गया और मैं अकेले ही रहने लगी। कभी कभी मेरे हस्बैंड यहाँ आते थे कभी कभी मैं छुट्टी लेकर कानपुर जाती थी।

एक टैक्स ऑफिसर कैसे अपनी चुत की आग अपने से आधे उम्र के अपने सहेली के बेटे से शांत करवाई

मेरे आफिस में ही एक महिला है नारायणी। जो 42 साल की है। वह बहुत अच्छी है और धीरे धीरे हमारी दोस्ती बहुत गहरी हो गई।

दोस्तों मैं बिल्कुल जवान थी। मेरी तो अभी असली जवानी की शुरुआत हुई है। क्योंकि गवर्मेंट जॉब की तैयारी करने के चक्कर मे तो सारा ध्यान पढ़ाई पर लगा रहता था। और जब मेरी सिलेक्शन हो गया उसके बाद मैं निखर गई। और शादी के कुछ दिन बाद ही मैं अकेली रहने को मजबूर हो गई। मैं अब हद से ज्यादा हॉर्नी हो चुकी हूं मेरा मन हमेशा चुदाई करने को कहता है। और फिर मेरी पोस्टिंग मुम्बई हो गई अब तो और आफत हो गई। दिल्ली से तो मैं कभी कभार अपने हस्बैंड के पास चली भी जाति थी लेकिन मुम्बई से आना जाना बहुत कम हो गया।

अब मैं हमेशा चुदासी रहती थी। मेरी चूत की ज्वाला हमेशा भड़कते रहती थी। मैं किसी से दिल नही लगाना चाहती थी। मैं अपने हस्बैंड को धोखा नही देना चाहती थी। इसलिए मैं उँगलियों के सहारे ही अपनी चूत की गर्मी निकलती थी।

तो कुछ दिन बाद मैं कानपुर गई हुई थी मुझे 10 दिन का छुट्टी मिला था। तो एक दिन नारायणी मुझे कॉल की और हलचाल पूछी। और पूछी की कहाँ हो तो मैं बोली कि मैं तो छुट्टी में घर कानपुर आयी हूँ। तो वह बोली कि तुमसे एक फेवर चाहिए। तो बोली कि क्या तो वो बोली कि मेरा बेटे हर्ष का मुम्बई में NDA का इंटरव्यू पड़ा है वह रिटेन क़वालीफाई कर लिया है। तो अगर तुम्हारा कोई परिचित हो मुम्बई में तो हर्ष को रुकने में सहूलियत हो जाएगा। क्योंकि तू तो अभी घर पे है तो मैं पूछी की कब है उसका इंटरव्यू तो वह बोली कि 15 दिन बाद है। तो मैं बोली कि 10 दिन की छुट्टी में मैं आयी हूँ तो उसे मेरे साथ ही भेज देना तो वह बोली ठीक है। और मुझे बहाना मिल गया और कुछ दिन कानपुर रुकने का तो मैं छुट्टी बढ़वा ली। लेकिन हुआ ये की मैं छुट्टी तो बढ़वा ली लेकिन ट्रेन का टिकट कन्फर्म नही मिल रहा था। सो मैं वेटिंग ले ली और सोची अगर तत्काल मिला तो ठीक नही तो हर्ष के बर्थ पर मैनेज करके चली जाऊंगी क्योंकि उसका कन्फर्म टिकट हो चुका था।

पिछले 6 महीने से तड़प रही मेरी मेरी चुत की आग इस बार ठंडी नही हुई क्योंकि मेरे हस्बैंड लन्ड मेरी चुत में डाल के 4,5 बार हिला के हाँफते हुए मुझपर लुढ़क जाते।

लेकिन दोस्तों एक बात आपको बताती हूँ। इस बार मैं कानपुर आ तो गई लेकिन मेरी चुत की आग ठंडी नही हुई क्योंकि मेरे हस्बैंड अब पहले जैसे चोद नही पा रहे थे। उनको शुगर की बीमारी हो चुकी थी। और वो पिछले 10 दिन में मात्र 3 बार मुझे चोदे थे वो बस बमुश्किल 2, 3 मिनट ही चोद रहे थे। और पहले की तरह मेरी चुत और चुचियों को सहला भी नही रहे थे। बस लन्ड डाल के चोदने लगते और थोड़ी देर बाद हाँफते हुए मुझपर लुढ़क जाते। मैं इस बात से बहुत परेशान हो चुकी थी।

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फाइनली मेरा मुम्बई वापस जाने का समय आ गया। दूसरे दिन मैं जाने वाली थी तो दिल्ली से तत्काल टिकट कर रही थी लेकिन नही मिला तो मैं कानपुर से दिल्ली आ गई। और वहां से हर्ष और मैं ट्रेन में मुम्बई जाने लगे। उसका टिकट कन्फर्म था राजधानी एक्सप्रेस के 2nd AC में टिकट था उसका। और मेरा वेटिंग था। तो हमदोंनो एक ही बर्थ पर हो गए। उसका बर्थ ऊपर वाला था। तो हम दोनों ऊपर जाकर बैठ गए।

यात्रा करते समय मैं जीन्स टॉप या शर्ट पहनना पसंद करती हूँ तो उस दिन भी मैं जीन्स और टी शर्ट ही पहनी थी। मेरा टी शर्ट स्लीवलेस था। जो हल्की पिंक कलर की थी। दोस्तों मेरी चुचियाँ बिल्कुल गोल और कड़क है क्योंकि मेरी चूची को बहुत ज्यादा मसला नही गया है और मेरे कोई बच्चे भी नही हैं इस कारण मेरी चूची आज भी 16 साल की तरह है। वो बिल्कुल भी ढीले नही हुए हैं। इसलिए मेरे चुचियाँ ब्रा में और भी कड़क दिखती है और मेरी निप्पल चाकु के नोक की तरह खड़ी दिखती है।

और मैं नोटिस कर रही थी कि हर्ष चोर निगाहों से मेरे चुचियों पर बार बार नजर डाल रहा था। हर्ष बहुत हैंडसम लड़का था। मेरा भी मन उसकी तरफ आकर्षित हो रहा था। वह एक बहुत अच्छी परफ्यूम लगाया हुआ था।

नारायणी ने मुझे बोली थी कि हर्ष का एग्जाम दिलवाकर अगर तुम्हें समय मिले तो इसे मम्बई भी घुमा देना। मैं हर्ष से बात करते करते बहुत फ्रेंडली हो गई थी। वह बहुत आत्मविस्वासी था। और मेच्योर भी। उससे बात करके मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। वह भी बहुत अच्छे से मुझसे बात कर रहा था। चुकी हम खाना खा चुके थे। और काफी देर भी हो गया था। हमदोंनो फोन चला रहे थे और बात भी कर रहे थे। लेकिन मुझे नींद आने लगी। मैंने कहा हर्ष मुझे नींद आ रही है। तो उसने कहा आंटी आप सो जाइए मैं आपके पैर के तरफ बैठ जाता हूँ। मैंने कहा ठीक है।

हर्ष नीचे से जोर जोर से अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ने लगा और हमदोनो एक साथ झड़ गए। उसके लन्ड का गाढ़ा वीर्य मेरी पैंटी पर लग चुका था।

लेकिन मैं जीन्स पहनकर सो नही पाती थी इसलिए मैंने कहा कि मैं चेंज करके आती हूँ। और फिर मैं अपने बैग से पायजामा निकाली और टॉयलेट में चली गई। मैं चेंज करके आयी और ऊपर बर्थ पर चली गई। फिर मैंने कहा कि हर्ष तुम्हे नींद आए तो मुझे जगा देना मैं बैठ जाऊंगी फिर तुम सो जाना। उसने कहा ठीक है। फिर मैं सो गई। अभी मुझे नींद नहीं आयी थी और मैं देख रही थी हर्ष कभी मेरे चुचियों पर नजर गड़ा कर ध्यान से देख रहा था तो कभी मेरी गोरी कमर को। लेटने की वजह से मेरा टीशर्ट ऊपर हो गया था जिससे कमर के खुला हिस्सा दिख रहा था। मेरी नाभि पर भी अक्सर हर्ष की नजर जा रही थी। फिर थोड़ी देर बाद मैंने रोहन को कहा कि रोहन तुम सो जाओ कब तक बैठोगे मैं बैठ जाती हूँ। तो उसने कहा कोई बात नहीं आंटी आप सोइये मुझे दिक्कत नहीं है। फिर मैंने कहा तो फिर तुम भी सो जाओ। तुम उस तरफ सर कर लो और अपना पैर मेरी तरफ कर दो। शायद वो यही चाहता था इसलिए वो झट से तैयार हो गया। और बोला ठीक है ऑन्टी।

और फिर वह भी लेट गया। मुझे कब नींद आ गयी पता ही नहीं चला। फिर मेरी नींद अचानक खुली और महसूस हुआ कि मेरी गांड में कोई शख्त चीज चुभ रहा है और हिल रहा है। फिर मैं वैसे ही पड़ी रही और मुझे समझ आ गया कि ये हर्ष का बड़ा सा लंड है। लेकिन मैं समझ नही पा रही थी हर्ष नींद में है या जानबूझकर मेरे गांड़ में लन्ड को धसा रहा है। इसलिए मैं ऐसे ही सोने का नाटक करने लगी। मेरी टीशर्ट पूरा ऊपर हो गया था और पीछे से ब्रा की स्ट्रिप दिख रहा था मेरी ब्लैक कलर की ब्रा में मेरा दूधिया जिस्म कयामत लग रहा था। हर्ष ऐसे ही मेरी गांड में पायजामे के ऊपर से ही लंड को रगड़ रहा था। और मेरी गोरी खूबसूरत पांव को जीभ से चाट रहा था। वो घर से ही कैप्री पहनकर आया था।

लेकिन दोस्तों मैं अब समझ चुकी थी कि वह जाग रहा है और जानबूझकर ऐसा कर रहा है। उसे लग रहा था कि मैं नींद में हूँ लेकिन सच ये था कि मैं जाग रही थी और उसकी हरकतों का आनंद ले रही थी। मुझे भी उसकी ये हरकते बहुत अच्छा लग रहा था। और फिर उसने अपना लंड कैप्री से बाहर निकाल लिया और मेरे गांड पर रगड़ने लगा। मैं भी अब गरम होने लगी थी और अनजान बनकर मजे ले रही थी। फिर हर्ष ने मेरी पायजामे को नीचे करना चाहा लेकिन दबे होने के कारण नीचे नहीं हो रहा था। लेकिन मैं चाहती थी पायजामा नीचे हो जाए इसलिए मैं हल्का हिली और पेट के बल लेट गयी और थोड़ा कमर उठाए रखी फिर हर्ष को लगा कि मैं नींद में अभी भी हूँ तो उसने मेरे पायजामे को नीचे कर दिया। लाल रंग की रोशनी में काले रंग की मेरी पैंटी में मेरी गोरी गांड बिल्कुल चमक रही थी। मैं सिर्फ एक स्ट्रिप वाली पैंटी पहनी हुई थी जो पीछे से सिर्फ एक पतली स्ट्रिप थी और वो मेरे गांड के दरार में धसी हुई थी। जो दिख भी नही रही थी। वह मेरी खूबसूरत चूतड़ों को सहलाने लगा। तो मैं फिर से पहले वाले पोजिशन में हो गई।

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मेरी अगली कहानी का शीर्षक है “कैब ड्राइवर का लन्ड

तो आप सब अपना ख्याल रखिएगा। कोविड का सिचुएशन है तो अपना विशेष ख्याल रखिएगा।  नमस्कार।

धन्यवाद।

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